20 August 2020 03:06 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नोखा थाना क्षेत्र के चरखड़ा में धनराज नायक के साथ हैवानियत करने वाली महिला ने अब उसके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाया है। परिवादिया ने आरोप लगाया है कि पांच माह पूर्व धनराज ने उसके घर में घुसकर उससे दुष्कर्म किया। वारदात के बाद आरोपी ने धमकी दी कि घटना की जानकारी किसी को दी तो वह उसे मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा। वहीं अब 17 अगस्त की दोपहर उसकी अनुपस्थिति में वह उसके घर आया और उसकी 11 वर्षीय नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया। इसी बीच वह घर पहुंची और आरोपी को पकड़कर पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस उसे थाने ले गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 376, 354, 450, 506 व पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। उल्लेखनीय है कि इसी दिन इस महिला ने कुल्हाड़ी से हैवानियत की हदें पार करते हुए धनराज को यातनाएं दी थी। घटना के बाद कानून हाथ में लेने वालों की गिरफ्तारी की जगह दर्द से चिल्ला रहे धनराज को ही पुलिस ने 151 में अंदर कर दिया था। उसे इलाज तक नहीं दिया गया, वहीं उसकी तरफ से मुकदमा भी दर्ज नहीं किया। घटना के दूसरे दिन इस पूरे मामले को ख़बरमंडी न्यूज़ ने उठाया, घटना का वीडियो व ख़बर चलने के बाद एसपी एक्शन में आए। एसपी के एक्शन में आते ही नोखा पुलिस धनराज को उसके घर से लेकर आई व मुकदमा दर्ज किया। लेकिन यहां भी पुलिस पर सही मुकदमा दर्ज नहीं करने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक पीड़ित द्वारा दिए गए परिवाद में लिखा गया है कि आरोपियों ने उसे जबरदस्ती पकड़ा व घसीटते हुए छैलूराम के घर ले गये, यहां उसे रस्सी से बांध दिया गया। जानकारों का कहना है कि यहां अपहरण की धारा 365 लगनी चाहिए, लेकिन पुलिस ने यह धारा नहीं लगाई। वहीं वायरल वीडियो में महिला द्वारा जिस तरह से यातना देने की घटना साफ दिख रही है व परिवाद में भी इसका जिक्र है, उसके अनुसार धारा 307 या 308 भादंसं लगनी चाहिए थी, लेकिन वह भी लगायी नहीं गई। सामान्य धाराओं में दर्ज किए गए इस मुकदमे के बाद नोखा पुलिस की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। वहीं सरपंच सवाई सिंह पर भी आरोप है। कहा जा रहा है कि सरपंच ने झूठे मुकदमे की धमकी देकर राजीनामा करवा दिया था। लेकिन मीडिया में मामला उजागर होने पर पुलिस ने स्वयं ही धनराज को घर से ले जाकर मामला दर्ज कर लिया। जिसके बाद अब यह मुकदमा दर्ज हुआ है। अब देखना यह है कि जांच में पुलिस भूमिका कितनी निष्पक्ष रहती है। इस गंभीर मामले में अब तक नोखा पुलिस की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
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