11 May 2021 03:59 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर में रेमडेसिवर इंजेक्शन ही नहीं बल्कि कोविड मरीजों के लिए रामबाण माने जा रहे बेवाटास-400 (bevatas-400) की कालाबाजारी भी हो रही है। यह इंजेक्शन कैंसर रोधी इंजेक्शन है जो मूलतः फेफड़ों, अंडाशय, गुदा सहित कुछ खास प्रकार कैंसर के मरीजों को लगाया जाता है। वर्तमान में यह इंजेक्शन कोविड मरीजों पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि मंहगा होने की वजह से बहुत कम मरीजों को ही यह इंजेक्शन लगाया जा रहा है। पीबीएम के कोविड अस्पताल में भी इस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉ तनवीर मालावत की डीटीएम फोर्टीस अस्पताल के डॉ विजय शांति बांठिया पर भी बेवाटास की कालाबाजारी का आरोप है। विजय शांति 36061 एम आर पी के इस इंजेक्शन के 40 हजार रूपए वसूले। जबकि 36061 इस इंजेक्शन का अधिकतम खुदरा मूल्य है। यानी डॉक्टर ने अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक राशि वसूली। जब मरीज़ के परिजन ने एक फार्मा से इसकी दर मोलाई की तो वह 31 हजार में उसे देने को तैयार हो गया था।
दरअसल, नत्थूसर गेट निवासी भैरव प्रसाद व्यास को कोविड के लक्षण होने पर शांति विजय को उसके बांठिया चौक स्थित क्लिनिक पर दिखाया गया। डॉ ने व्यास को 1200 रूपए की दवा दी। कुछ फायदा ना होने पर 21 अप्रेल को फिर से दिखाया गया। तब उसकी एच आर सी टी करवाई गई। रिपोर्ट आने पर डॉ विजय शांति ने व्यास को अपने क्लिनिक में भर्ती कर लिया। इसके बाद 40 हजार रूपए लेकर बेवाटास-400 इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद भी भैरव प्रसाद की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। 23 अप्रेल की रात 2 बजे तबीयत बिगड़ने लगी, सीने में तकलीफ होने लगी। डॉ विजय शांति को बार बार बुलाने पर भी वे नहीं आए, सिर्फ कंपाउंडर आया। जबकि डॉ का मकान क्लिनिक के ऊपर ही है। 5 बजे भैरव प्रसाद बेहोश हो गए। उन्हें पीबीएम ले जाने लगे लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया।
बता दें कि एस ओ जी द्वारा रेमडेसिवर की सप्लाई में हुए घपले की जांच में जिन डॉक्टरों व अस्पतालों का नाम उजागर हुआ है उनमें डॉ विजय शांति का नाम भी शामिल है। बीकानेर के 6 फार्मा स्टॉकिस्ट ने 1400 रेमडेसिवर सप्लाई की। जिनमें से ड्रग कंट्रोलर को 890 का रिकॉर्ड भेजा। 510 रेमडेसिवर गफलत में है।
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