23 June 2022 04:10 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की विशेष रिपोर्ट) बीकानेर पुलिस व समाज के लिए चुनौती बन चुके नशे के खिलाफ अब पुलिस गंभीर बनी हुई है। ख़बरमंडी न्यूज़ के अभियान से हरकत में आई पुलिस ने बीते दिनों नशे के सौदागरों के खिलाफ काफी एक्शन लिए हैं। कोडीन युक्त नशीले कफ सिरप के तस्करों की तो करीब करीब कमर ही टूट चुकी है। शहर व पूगल रोड़ के अड्डे लगभग बंद है। सिरप के नशेड़ी अब नये ठिकानों की तलाश में जुटे हैं। पता चला है कि भुट्टों का चौराहा कफ सिरप के नशेड़ियों के लिए सुविधाजनक साबित हो रहा है। बुधवार को डीएसटी ने यहां दबिश भी दी, हालांकि किस्मत ने तस्करों का साथ दिया। डीएसटी प्रभारी महेंद्र दत्त शर्मा की मानें तो नशे के सौदागर अब लंबे समय तक बच नहीं पाएंगे। नशे के बाजार को ठंडा करने हेतु आईजी ओमप्रकाश पासवान व एसपी योगेश यादव के स्पष्ट निर्देश हैं। उनकी टीमें लगातार प्रयास कर रही है।
ख़बरमंडी न्यूज़ द्वारा लगातार नशे के अड्डों पर नजर रखी जा रही है। समाज को तबाह होने से बचाने के लिए लगातार ख़बरें भी प्रकाशित की जा रही है। सूत्रों से पता चला है कि नशे के सौदागर ठिकाने बदलकर बदलकर तस्करी करने को मजबूर हैं। हालांकि कुछ ठिकानों पर अभी भी बेख़ौफ़ मादक पदार्थ बेचे जा रहे हैं। जस्सूसर गेट पर चाय की चुस्की के बहाने डोडा और गांजा युक्त ज्वाइंट सिगरेट धड़ल्ले से बेची जा रही है। बताया जा रहा है कि यहां डोडे के नाम पर भी बड़ी ठगी होती है। कांचिया डोडा बताकर दस दस हजार रूपए के भाव तक भी डोडा बेचा जा रहा है। वहीं करमीसर रोड़ पर नशा मिलने के दो ठिकाने आज भी वैसे ही चल रहे हैं। हालांकि बीच बीच में ये तस्कर इधर उधर भी होते हैं, मगर फिर से उन्हीं ठिकानों पर खुल्लमखुल्ला नशा बेचते हैं। एक नशेड़ी के अनुसार कुछ तस्कर काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को भी नहीं बख्श रहे। पवित्र स्थान के आसपास सभी प्रकार का नशा बेचा जा रहा है। जिसमें गांजा, एमडीएमए, स्मैक, नशे की गोलियां आदि शामिल हैं। इसी रोड़ पर थोड़ा आगे एक हिस्ट्रीशीटर भी युवाओं को नशा बेचकर चांदी कूट रहा है। इसी तरह मोहता सराय, मोहता चौक, करमीसर गांव की एंट्री, भुट्टों का चौराहा, नत्थूसर गेट सहित भाटों का बास, विश्नोई बास आदि स्थानों पर भी नशे का बड़ा खेल होता है। पूगल रोड़ मुक्ताप्रसाद, सर्वोदय बस्ती व लालगढ़ आदि क्षेत्रों में भी भरपूर नशा बिकता है। तहकीकात से पता चला है कि शहर में एमडीएमए का नशा इन दिनों परवान पर है। रजनीगंधा के साथ मिलाकर खाया जा रहा यह जानलेवा पाउडर मंहगा होने के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहा है।
इसलिए जरूरी है नशे के खिलाफ बड़ा अभियान:- नशे के खिलाफ अब एक बहुत बड़ा अभियान छेड़ने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो आने वाले 2-3 सालों के अंदर ही बीकानेर खोखला हो जाएगा। पंजाब, राजगढ़ व संगरिया से भी भयावह हालात बीकानेर के होंगे। नशीली गोलियों, स्मैक, गांजा, कोडीन युक्त कफ सिरप व एमडीएमए ने बीकानेर शहर के ये हालात कर दिए हैं कि हर तीसरा युवा इनकी चपेट में आकर बेरोजगार व नाकारा बन रहा है। तहकीकात में बड़ी संख्या में ऐसे परिवार सामने आए हैं जो नशेड़ी युवकों व पुरुषों की वजह से नरक का जीवन जी रहे हैं। ऐसे युवा दिन रात नशे में डूबे रहते हैं। वे ना तो पढ़ाई कर पा रहे हैं और ना ही काम धंधा। अपराध बढ़ने के पीछे भी बड़ा कारण नशा ही है। तहकीकात में सामने आया है कि नशे की लत्त में पड़े 14 साल से 25 साल के युवा नशा खरीदने के लिए तस्कर बन रहे हैं। अपराधी बन रहे हैं।
पुलिस व समाज के सामने चुनौती बनकर खड़े हुए नशे के बाजार को अगर ठंडा नहीं किया गया तो आने वाले परिणाम बेहद घातक होंगे। अब देखना यह है कि समाज को बचाने के इस अभियान में समाज व पुलिस नशे के सौदागरों को जड़ से उखाड़ने के लिए क्या कुछ कर पाते हैं तथा अपराधों के खिलाफ एक्टिव आईजी ओमप्रकाश पासवान व एसपी योगेश यादव ने नशे के खिलाफ क्या मास्टर प्लान बनाते हैं।
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