21 April 2020 10:29 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। राजस्थान के वकीलों द्वारा बार काउंसिल से आर्थिक मदद की मांग ज़ोर पकड़ रही है। पूरे राज्य में वकील इसे अपने हक की मांग कह रहे हैं। कोरोना महामारी से बेरोजगार होकर आर्थिक रूप से टूट चुके वकीलों को उन्हीं के संगठन द्वारा सहयोग नहीं किया जा रहा है। कुछ वकीलों का तो यहां तक कहना है कि यह कोई मदद नहीं, यह तो हमारा ही पैसा हो, जो हमें इस ज़रूरत के लौटाना चाहिए। ज्ञात रहे कि बार द्वारा वन टाइम वेलफेयर, वार्षिक फंड व वेलफेयर टिकट के नाम पर ढ़ेर सारा पैसा लिया जा चुका है। बीकानेर से अधिवक्ता अनिल सोनी कहते हैं कि आज़ादी के बाद इस तरह की कोई महामारी की जानकारी नहीं मिलती, एक बार आई इस विपदा की घड़ी में बार को कुछ पैसे जरूरतमंद वकीलों को लौटाने चाहिए। वहीं जयपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता दीपक सोनी कहते हैं कि तीन तरह की राशि हम बार को देते हैं। जिसमें टिकट वेलफेयर की राशि अधिवक्ता कल्याण कोष में जाती है। इस राशि का प्रयोग इस महामारी से पीड़ित हुए वकीलों की सहायतार्थ करना चाहिए। दीपक का कहना है कि 2019 तक बार काउंसिल के पास 130 करोड़ का फंड बताते हैं। जिसका सालाना ब्याज ही करोड़ रुपए से अधिक आता है। वहीं अजमेर के अधिवक्ता गगन सोनी का कहना है कि वेलफेयर के तहत 17900 रूपए के हिसाब से हाल ही में बड़ी राशि एकत्र की गई। चेयरमैन बार को चाहिए कि वह वह नियमों में बदलाव करते हुए जरूरतमंद वकीलों को वेबसाइट से सीधे राशि निकालने का फॉर्म भरने की अनुमति दे। गगन कहते हैं कि जितनी राशि साल ही में जमा करवाई है उतनी राशि निकालने का प्रावधान किया जाना चाहिए। इनका मानना है कि जिन्हें प्रैक्टिस करते पांच साल से कम समय हुआ है, उनको यूपी की तर्ज पर न्यूनतम पांच हजार रूपए देने चाहिए। वहीं बीकानेर कोर्ट के सुमित डूडी कहते हैं कि यह सहायता कम से कम दस हजार रूपए की होनी चाहिए। लेकिन तीन बातों का ध्यान रखते हुए सहायता निर्धारित हो। सुमित के अनुसार ऐसे वकील जिनको प्रैक्टिस करते दस साल से कम हुए हैं तथा जिनके पिता सरकारी नौकरी में नहीं, अथवा पूंजीपति नहीं, सिर्फ उन्हीं को यह सहायता मिले। ख़बरमंडी न्यूज़ ने नब्बे हज़ार सदस्यों वाली राजस्थान बार काउंसिल के प्रदेश सदस्य एडवोकेट कुलदीप शर्मा से वकीलों की इस मांग को लेकर उनका रुख जानना चाहा। शर्मा ने कहा है कि बार काउंसिल नये अधिवक्ताओं को लेकर चिंतित हैं। इस विषय में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वेलफेयर फंड से एक करोड़ का रूपए रिलीज करने की अनुमति दी है। लेकिन यह राशि बहुत कम है। लॉक डाउन की वजह से आमसभा नहीं हो पा रही है। आमसभा होते ही कुछ अलग तरह के फंड व वरिष्ठ अधिवक्ताओं व बार काउंसिल सदस्यों के आर्थिक सहयोग से आर्थिक सहायता की जाएगी। बता दें कि पूरे राजस्थान में हजारों ऐसे वकील हैं जिनका सिर्फ गुजारा ही वकालत से बमुश्किल होता है। ऐसे में उनके पास बचत कुछ नहीं है। और वर्तमान में आय खत्म हो गई है। जोधपुर हाईकोर्ट वकील सलमान आगा, जयपुर के दीपक दायमा, मनोज सोनी, एडवोकेट राजेश पंचारिया आदि अधिवक्ताओं ने भी जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक मदद की मांग की है।
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