22 November 2022 10:01 AM

	
				  
				      	 
			     
	
				  
				      	 
			     

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नगर निगम की कामचोरी बीकानेर वासियों का सबसे बड़ा सरदर्द है। शहर की खस्ता हालत निगम का चेहरा दिखाती है। हालात यह है कि गंभीर मामलों में भी आम आदमी निगम से उम्मीद नहीं कर सकता। सोमवार को सिटी कोतवाली के पीछे स्थित छींपों के मोहल्ले में हुए गड्ढ़े के बाद निगम की लापरवाही का एक और नमूना देखने को मिला।

स्थानीय निवासी माणक चंद सोनी ने बताया कि सोमवार सुबह यहां की सड़क पर गहरा गड्ढ़ा हो गया। यह गड्ढ़ा 5-7 फीट से अधिक गहरा है, चौड़ाई का अंदाजा नहीं लग पा रहा है। ऐसे में हर वक्त खतरा बना हुआ है। यह गड्ढ़ा जानलेवा हो सकता है। इसी वजह से निगम के नंबर पर फोन मिलाया तो नंबर ही बंद था। किसी से निगम आयुक्त के पीए के नंबर मिले मगर बात नहीं बनी। फिर जमादार को कॉल किए गए। मोहल्ले के दो व्यक्तियों द्वारा कॉल किए गए मगर एक बार भी फोन नहीं उठाया गया। जबकि जमादार दूसरों से बात कर रहा था, उसका फोन कई बार व्यस्त आया। दिनभर की मशक्कत के बाद संपर्क पोर्टल पर शिकायत की गई। फिर देर शाम कलेक्टर ऑफिस में फोन किया गया। कलेक्टर ऑफिस की तरफ से फोन जाने पर निगम से एक जेईएन सहित दो व्यक्ति मौका देखने आए।
इनकी काम करवाने में ख़ास रूचि नज़र नहीं आई। ये नकारात्मक अधिक थे। कहा कि देखना पड़ेगा कि गड्ढ़ा किसका है। अगर सीवर लाइन का गड्ढ़ा है तो निगम ठीक करवाएगा। वहीं अगर गड्ढ़ा पानी की पाइप लाइन से लीकेज की वजह से हुआ है तो जलदाय विभाग करवाएगा।
बता दें कि बीकानेर में निगम, जलदाय विभाग आदि इसी तरह से आम जनता को उलझाने का कार्य करते हैं। छींपों के मोहल्ले में ही नहीं शहर के चप्पे चप्पे पर निगम की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली के नमूने देखे जा सकते हैं। नीचे के अधिकारी व कर्मचारी काम नहीं करते। वहीं निगम आयुक्त व महापौर को आपसी खींचतान से ही फुर्सत नहीं है। अब देखना यह है कि यह गड्ढ़ा कितने समय में दुरुस्त किया जाता है।
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