01 September 2021 12:09 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नोखा में मौत के ब्याज ने आखिर दो परिवार बर्बाद कर ही दिए। इसी मौत के ब्याज के कारण अर्जुन जाट की हत्या हुई है। नोखा पुलिस ने भले ही 24 घंटे में हत्या की वारदात का खुलासा कर आरोपी युवक को सलाखों के पीछे डाल दिया हो, मगर पुलिस की नाकामी व गंभीर मामलों में भी असंवेदनशील बने रहने की प्रवृत्ति इससे छुप नहीं सकेगी। इस मामले में जहां मौत के ब्याज से हो रही बर्बादी उजागर हुई है, वहीं नोखा पुलिस की लापरवाही भी सामने आ चुकी है। सामने आ चुका है कि आरोपी 27 वर्षीय नंदकिशोर पुत्र नारायण सुथार ब्याज के दंश से पीड़ित था। बताया जा रहा है कि मृतक अर्जुन व उसके पिता ब्याज का धंधा करते थे।
ये है पूरी कहानी:
आरोपी विश्वकर्मा मंदिर के पास रहने वाले 27 वर्षीय नंदकिशोर पुत्र नारायण राम सुथार व मृतक अर्जुन कुमार जाट पुत्र भंवरलाल दोनों दोस्त थे। नंदकिशोर ने डेढ़ साल पहले अर्जुन से 35 हजार रुपए ब्याज में लिए थे। वह अर्जुन को ब्याज सहित किश्तें देता रहा, इस तरह उसने कुल पचास हजार रुपए चुका दिए। मगर अर्जुन द्वारा उसके बाद भी ब्याज मांगा जा रहा था। नंदकिशोर के बयानों के अनुसार अर्जुन उसे ब्याज के पैसों के लिए प्रताड़ित करता था। नंदकिशोर मानसिक परेशान रहने लगा। वह अक्सर क्राइम पेट्रोल सीरियल देखा करता था। क्राइम पेट्रोल के एपिसोड देखकर उसने हत्या की प्लानिंग की। उसे लगा कि वह हत्या करके भी बच जाएगा। ऐसे में प्रताड़ना व अधिक ब्याज वसूले जाने का बदला लेने के लिए हत्या करना तय किया। उसने चरकड़ा की रोही स्थित अपने सुनसान खेत के पीछे स्थित वैदों के खेत में जगह चिन्हित कर सरिया छिपाकर रख दिया। 26 अगस्त को उसने अर्जुन को खेत घूमने के लिए बुलाया। अर्जुन गांधी चौक तक अपनी मोटरसाइकिल में आया, जहां से आरोपी भी उसके साथ बैठ गया और खेत चले गए। आरोपी अर्जुन को खेत के ऊंचे रेत के टीलों पर ले गया, जहां अचानक सरिये से सिर पर वार कर दिया। अर्जुन सरिये के वार से घायल होकर नीचे गिर पड़ा। इसके बाद नंदकिशोर ने अर्जुन के सिर पर और चोटें मारी। इसके बाद आरोपी ने शव को टीले के पास फैले खींप के पौधों के झुरमुट में छिपा दिया।
-अर्जुन की गुमशुदगी मगर नहीं की मदद:
अर्जुन के पिता भंवरलाल के अनुसार 26 अगस्त को अर्जुन फोन नहीं उठा रहा था। उसका कहीं पता नहीं चल रहा था। वे पुलिस थाने गए, अनहोनी की आशंका जताई। उसी शाम गुमशुदगी भी दर्ज करवा दी मगर पुलिस से मदद नहीं मिली। वे अपने स्तर पर ही इधर उधर तलाश करते रहे। अगली सुबह अर्जुन का फोन भी स्विच ऑफ आने लगा। अगली सुबह भी पुलिस से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। बता दें कि 26 अगस्त को लापता हुए अर्जुन का शव 30 अगस्त की शाम चार बजे मिला।
-नहीं होता मौत के ब्याज का धंधा तो जिंदा होता अर्जुन:
अर्जुन हत्याकांड के पीछे मौत का ब्याज ही प्रमुख कारण रहा। इसी ब्याज से प्रताड़ित होकर मानसिक परेशान हुए नंदकिशोर ने अर्जुन की हत्या जैसा खतरनाक कदम उठाया। इससे पहले भी यह ब्याज कई अपराधों का कारण बना है। नोखा में सैकड़ों लोग मौत का ब्याज माफिया के चंगुल में है। अगर पुलिस मौत के ब्याज माफियाओं पर अंकुश लगा पाती तो अर्जुन की हत्या नहीं होती।
-दो परिवार हुए बर्बाद:
अर्जुन हत्याकांड से दो परिवार बर्बाद हो गए हैं। भंवरलाल जाट ने अपने दूसरे बेटे को खो दिया है। भंवरलाल के एक बेटे की एक साल पहले सीकर जेल में मौत हुई बताते हैं। वहीं अब अर्जुन की हत्या कर दी गई है। दूसरी ओर अर्जुन की हत्या का आरोपी नंदकिशोर भी अब जेल में हैं, ऐसे में उसका परिवार भी बर्बाद हो चुका है।
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