11 June 2021 04:43 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। आईटीआई के परीक्षा परिणामों से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विभागीय लापरवाही ने बच्चों के भविष्य को इधर कुंआ उधर खाई वाली स्थिति पर लाकर खड़ा कर दिया है। दरअसल, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बीकानेर में 2018 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को पास करने के चार दिन बाद रिजल्ट बदलकर फेल कर दिया गया है। मामले को लेकर चक्कर काट काटकर थक चुके विद्यार्थियों ने आज भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के नाम ज्ञापन दिया है। ज्ञापन की प्रतिलिपि जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री, बीकानेर सांसद व केंद्रीय मंत्री, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग व ऊर्जा मंत्री राजस्थान को को भी भेजी है।
विद्यार्थियों के अनुसार उन्होंने 2018 में एडमिशन लिया। 2019 में प्रथम वर्ष की परीक्षा हुई, जिसमें गड़बड़ी हुई। कुछ विषयों के परिक्षा परिणाम में बैक लगा दी गई। इन विषयों की परीक्षाएं आज नहीं करवाई गई। 2019 में इंजीनियरिंग ड्राइंग की परीक्षाएं हुई। इसका परिणाम आया, जिसमें सभी पास हुए। लेकिन चार दिन बाद ही सबका रिजल्ट बदलते हुए उन्हें फेल कर दिया गया। इतना ही नहीं सीबीटी बेस एग्जाम तो सबमिट ही नहीं किए गए थे, फिर भी फेल कर दिया गया।
छात्र छात्राओं का कहना है कि दो साल के कोर्स के चार साल पूरे होने को है। बिना एग्जाम सबमिट किए ही अनुत्तीर्ण किया जा रहा है। पास करने के चार दिनों बाद फेल किया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि संस्थान अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। कहीं से कोई मदद ना मिलने पर छात्र छात्राओं ने अब पत्र व्यवहार का रास्ता अपनाया है।
आईटीआई के विद्यार्थियों की यह दुर्दशा सिस्टम के मुंह पर तमाचा है। संस्थान ने भी मदद की बजाय यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। सवाल यह है कि इन बच्चों का भविष्य खराब करने के पीछे जिम्मेदार कौन होगा ??
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