28 November 2021 11:25 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। जयपुर रोड़ के कार बाजार से 16 नवंबर को चोरी हुई गेटवे व इनोवा गाड़ी की तलाश में जुटी डीएसटी व जेएनवीसी थाने की ज्वाइंट टीम के हाथ बड़ी सफलता लग गई। सुधीर कुमार ने थाने में रिपोर्ट दी थी कि उसके कार का गैराज है, जहां वो सैकंड हैंड गाड़ियां भी बेचता है। 16 नवंबर को वहां 20-25 गाड़ियां खड़ी थी, सुबह लौटे तो दो गाड़ियां गायब थी। एसपी योगेश यादव के सुपरविजन, एएसपी शैलेन्द्र इंदोलिया के निर्देशन व सीओ आरपीएस पवन भदौरिया, डीएसटी प्रभारी सुभाष बिजारणियां व थानाधिकारी जेएनवीसी महावीर प्रसाद विश्नोई के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया। टीमों ने विभिन्न प्रकार से जांच के बाद जितेंद्र माली को चिन्हित कर उस पर नजर रखनी शुरू की। 24 नवंबर को डीएसटी को सूचना मिली कि जीतिया जोधपुर बाईपास अंडरब्रिज के पास हथियार के साथ खड़ा है। डीएसटी ने उसे दबोच लिया। उसके पास एक अवैध देशी कट्टा व दो जिंदा कारतूस भी मिले। बाद में पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह लूट की वारदात करने के इरादे से वहां खड़ा था, इसीलिए हथियार लाया था। वारदात में गजनेर निवासी मामराज भार्गव भी उसका साथ देने वाला था। पुलिस ने मामराज को भी दबोच लिया।
आरोपियों से पूछताछ में बीकानेर, गजनेर, फलौदी व नागौर की कुल आठ वारदातों का खुलासा हुआ। सात वाहन भी बरामद कर लिए गए। आरोपियों ने जयपुर रोड़ के कार बाजार से गेटवे व इनोवा के अलावा 16 जुलाई को गजनेर से कैंपर गाड़ी नंबर आरजे 07 जीबी 9722 चोरी की थी। 9 नवंबर को फलौदी से स्कॉर्पियो व कैंपर, 17 नवंबर को नागौर कोतवाली क्षेत्र से ऑल्टो गाड़ी तथा बीकानेर सदर व कोटगेट क्षेत्र से स्प्लेंडर व पल्सर भी चोरी की गई थी।
पुलिस ने अब तक स्कॉर्पियो, इनोवा, गेटवे, कैंपर, ऑल्टो, पल्सर व स्प्लेंडर बरामद कर ली है। पूछताछ में और भी वारदातें खुलने की संभावना है।
कौन है जीतिया: जितेंद्र माली उर्फ जीतिया सदर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ पहले से चोरी के 27 मुकदमें दर्ज हैं। वहीं अब आर्म्स व चोरी के नये मुकदमें भी उसके नाम हो गये हैं। जीतू के खिलाफ पहला मुकदमा कोटगेट पुलिस थाने में मार्च 2015 में दर्ज हुआ। उसके बाद हर वर्ष उसने चोरी की वारदातें की। आरोपी 2015 से अब तक हर वर्ष कुछ मुकदमें अपने नाम किए हैं। पुलिस उसे पकड़ती है, कोर्ट जेल भेजता है, लेकिन कुछ माह में फिर जमानत पर बाहर आकर नई वारदात कर देता है। पुलिस के अनुसार जीतिया अधिकतर गैराज में खड़ी गाड़ियों को निशाना बनाया है। कुछ दिन गाड़ी सुरक्षित स्थान पर खड़ी करता है, फिर सस्ते दामों में गाड़ी बेच देता है। चोरी की गाड़ियों से आए पैसे वह मौज मस्ती में उड़ाता है, पैसे खत्म होने पर फिर चोरी करता है।
मामराज भार्गव के खिलाफ पहले से तीन मुकदमें दर्ज हैं। उसके खिलाफ पहला मुकदमा दिसंबर 2019 में मारपीट की धाराओं में गजनेर पुलिस ने दर्ज किया। उसके बाद नवंबर 2020 में दुष्कर्म व अगस्त 2021 में चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ। जीतिया छोटी सी उम्र में बड़ी तादाद में वारदातें कर चुका है। पुलिस के लिए सरदर्द बने चुका जीतिया जमानत मिलते ही नई वारदात कर देता है। अब मामराज भी उसकी राह पर है। पुलिस के अनुसार जितेंद्र व मामराज ने मिलकर पिछले 20 दिनों में आठ वारदातें कर डाली है। पहले जितेंद्र अक्सर अकेला ही वारदात करता था। अब वह गैंग बना चुका है। अगर ऐसा ही चला तो मामराज के भी जीतिया बनने में देर ना लगेगी।
इस टीम की मेहनत से मिली बड़ी सफलता:- एएसआई राधेश्याम, हैड कांस्टेबल कानदान सांदू, हैड कांस्टेबल अब्दुल सत्तार, हैड कांस्टेबल साईबर सैल दीपक यादव, हैड कांस्टेबल सुरेंद्र मीणा, हैड कांस्टेबल रोहिताश भारी, कांस्टेबल वासुदेव, कांस्टेबल लखविंद्र सिंह, कांस्टेबल योगेंद्र, कांस्टेबल सवाई सिंह, कांस्टेबल दिलीप सिंह, कांस्टेबल रामनिवास, कांस्टेबल अमित मीणा, डीआर पूनम चंद।
वारदात के अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में दीपक यादव, वासुदेव व दिलीप सिंह की विशेष भूमिका रही।
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