12 July 2022 11:35 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बारिश का सीजन आते ही जर्जर मकानों के डर से हमारा शहर सहम जाता है। शहर डरा हुआ है, क्योंकि यहां दर्जनों जर्जर मकान है। ये मकान कभी भी गिर सकते हैं। यह महज कपोल कल्पित आशंका नहीं है बल्कि पूर्व में हुए हादसों को देखकर जन्मी आशंकाएं हैं।
पिछले सालों में शहर के कई जर्जर मकान ढ़ह चुके हैं। इसी वजह से लोग हादसों को लेकर आशंकित हैं। पिछली बार जब मकान गिरे तो कलेक्टर के आदेश पर शहर का सर्वे भी किया गया। मगर आज तक उन जर्जर मकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इनमें कई मकान तो ऐसे हैं जिनके मालिक बीकानेर से बाहर रहते हैं। उन्हें मकान से कोई मतलब ही नहीं। उनकी लापरवाही से खतरा पड़ोसियों पर मंडरा रहा है। नगर निगम आयुक्त गोपालराम बिरदा का कहना है कि शहर में कोई जर्जर मकान है ही नहीं। उन्होंने इंजीनियरों से निरीक्षण करवा लिया है। जिन मकानों को जर्जर कहा जा रहा है वे पुराने मकान है। उनके गिरने की संभावनाएं नहीं है। निगम आयुक्त जिन मकानों को सुरक्षित बता रहे हैं उससे अच्छी स्थिति के मकान पिछले वर्ष ढ़ह चुके हैं। मोहता चौक, तेलीवाड़ा की ढ़ाल, गोपीनाथ भवन के पास, डागा चौक आदि क्षेत्रों में जर्जर मकान हैं। हमने ऐसे मकानों के वीडियो भी बनाएं है। आप ख़बर में संलग्न वीडियो देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि खतरा कितना बड़ा है।
अगर प्रशासन जल्द नहीं संभला तो कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ये महज निगम की उदासीनता है। इन मकानों की मरम्मत करवाया जाना बेहद आवश्यक है। वहीं जो बंद मकान मरम्मत के लायक नहीं रहे हैं, उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से तोड़ देना चाहिए। देखें वीडियो
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