15 December 2022 11:56 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। अपनी कार्यशैली की वजह से विवादों में घिरे रहने वाले नगर निगम आयुक्त गोपालराम बिरदा की बीकानेर से छुट्टी हो गई है। उन्हें आज रात निलंबित कर दिया गया है। बिरदा के निलंबन की ख़बरों के साथ ही महापौर निवास पर खुशियां छा गई। अधिकारिक आदेशों की प्रतिक्षा के साथ चर्चा गर्म होने लगी। आदेश आने के बाद उत्सव का माहौल हो गया। हालांकि बिरदा के निलंबन में महापौर का कोई रोल नहीं रहा। लेकिन व्यापारी संजय जैन के मार्फत महापौर परिवार का लंबे समय से बिरदा की विदाई का सपना पूरा हो गया।
मामला सादुलगंज निवासी संजय जैन से जुड़ा है। संजय के रिश्तेदार व व्यापारी बागड़ी मोहल्ला निवासी सुशील बैद के अनुसार संजय के निवास के आगे कुछ निर्माण कार्य चल रहा था। आज दोपहर निगम आयुक्त अपने दल बल के साथ उधर से गुजर रहे थे। वे संजय के निवास के आगे रुके। आरोप है कि उन्होंने आते ही संजय से बदतमीजी की। मारपीट शुरू कर दी। बाद में खुद की गाड़ी में डालकर सदर थाने ले गए। घटना के कुछ ही देर में मामला गरमा गया। जैन के रिश्तेदार व समाज के लोग थाने पहुंचे। मामला उच्च अधिकारी से जुड़े होने की वजह से थाना पुलिस ने संजय को नहीं छोड़ा। समाज के लोग एसपी योगेश यादव से मिलने पहुंचे। बिरदा के खिलाफ ज्ञापन दिया। कलेक्टर को भी ज्ञापन दिया।
बताया जा रहा है कि देखते ही देखते राजधानी जयपुर तक घंटियां बज गई। कुछ ही घंटों में निलंबन के आदेश भी आ गए। आदेशानुसार गोपालराम के खिलाफ विभागीय जांच प्रस्तावित है। जांच होने तक उन्हें निलंबित किया गया है। इस दौरान उनका मुख्यालय जयपुर रहेगा।
एसपी योगेश यादव के अनुसार दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। गोपालराम का आरोप था कि संजय जैन ने राजकार्य में बाधा पहुंचाई।
बताया जा रहा है कि संजय के नाक से खून भी आया। सवाल यह है कि निगम आयुक्त या किसी भी टीम सदस्य को मारपीट का अधिकार किसने दिया। अगर संजय को आयुक्त की कार में डालकर थाने ले जाने का आरोप सही हैं तो सवाल यह भी है कि निगम आयुक्त गिरफ्तारी कब से करने लगे?
बता दें कि महापौर व कुछ पार्षद लंबे समय से निगम आयुक्त से नाराज़ चल रहे थे। निगम आयुक्त और महापौर में तो विवाद इतना गहरा गया था कि भुगतान बीकानेर की जनता को करना पड़ रहा था। महापौर की तरफ से निगम आयुक्त को हटवाने के भरसक प्रयास भी हुए। उन्हें स्वयं को सफलता तो नहीं मिली मगर उनकी मुराद अवश्य पूरी हो गई।
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