15 November 2021 05:37 PM

-रोशन बाफना
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। हिंदी साहित्य जगत को नया आयाम देने वाली मशहूर लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया है। सोमवार दोपहर हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वें दस दिनों से अस्वस्थ थीं। उनके निधन पर देशभर के लेखकों, कलाकारों सहित नेताओं की तरफ से संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
3 अप्रेल 1931 को मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में जन्मी मन्नू भंडारी के बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था। आगे चलकर लेखक के तौर पर उन्होंने मन्नू नाम चुना। एम ए की शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने वर्षों तक दिल्ली के मिरांडा हाउस में अध्यापिका के रूप में कार्य किया।
मन्नू ने कहानी व उपन्यास के साथ नाटक भी लिखे। कहानियों में उन्होंने एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, आंखों देखा झूठ व अकेली लिखी तो वहीं आपका बंटी, एक इंच मुस्कान व महाभोज उपन्यास से उन्होंने एक उपन्यासकार के रूप में पहचान बनाई। इसके अतिरिक्त बिना दीवारों का घर नामक नाटक भी लिखा। प्रसिद्ध फिल्म रजनीगंधा मन्नू की कहानी यही सच है पर ही आधारित थी। आपका बंटी उपन्यास मन्नू के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। इस उपन्यास पर समय की धारा नाम की फिल्म भी बनी। इस उपन्यास का अनुवाद बांग्ला, अंग्रेजी व फ्रांसीसी में भी हुआ। वहीं महाभोज पर आधारिक धारावाहिक भी बहुत प्रसिद्ध हुआ। मन्नू ने अपने लेखक के माध्यम से पुरुषवादी सोच पर प्रहार किया तो वहीं स्वयं ऊंचा मुकाम हासिल कर नारी को प्रोत्साहित किया।
बता दें कि मन्नू के पिता सुख संपत्तराय भी प्रसिद्ध लेखक थे।
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