02 April 2024 11:57 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर।(पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अर्जुनराम मेघवाल हमेशा की तुलना में अधिक मेहनत करते नज़र आ रहे हैं। इस बार पिछले दो चुनावों की तुलना में मुकाबला भी कड़ा है। टक्कर है या नहीं यह तो वक्त बताएगा मगर शंकर पन्नू व मदन मेघवाल की तुलना में गोविंद राम मेघवाल बड़े टक्करबाज लग रहे हैं। इसी वजह से अर्जुन एक एक करके कमजोर खानो को साधते नज़र आ रहे हैं। कोलायत को भी कमजोर कड़ी माना जा रहा है। यहां राजपूतों के वोटों को साधने के लिए 7 अप्रेल को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को बुलाया जा रहा है। वे यहां जनसभा कर राजपूतों को अर्जुन की ओर झुकाने का प्रयास करेंगे। सवाल यह है कि जब देवीसिंह भाटी व अर्जुन राम का मेल मिलाप हो चुका है तो राजनाथ की आवश्यकता कैसे महसूस हुई। अंदरखाने ख़बर यह भी है कि अर्जुन आशंकित है। कोलायत के राजपूतों के वोट अर्जुन को आशंकित कर रहे हैं। बता दें कि पिछले तीन चुनावों में बीकानेर ने अर्जुन की ताजपोशी करवाई। हालांकि प्रतिद्वंद्वी की शक्ति के अनुरूप वोटों के प्रतिशत में उतार चढ़ाव रहा। अर्जुनराम ने पहला चुनाव 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी रेवंतराम पंवार के सामने लड़ा था। तब अर्जुन ने 42.91 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेसी रेवंतराम ने 39.48 प्रतिशत वोट बटोरे। इसके बाद 2014 में अर्जुन ने 62.84 प्रतिशत तो शंकर पन्नू ने 29.74 प्रतिशत वोट हासिल किए। फिर 2019 में अर्जून का वोट प्रतिशत फिर घटकर 59.82 प्रतिशत पर जा पहुंचा जबकि उन्हीं के मोसेरे भाई कांग्रेस प्रत्याशी मदन गोपाल मेघवाल ने 35.80 प्रतिशत वोट हासिल किए। पिछले दो चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी कमजोर थे। शंकर पन्नू सबसे कमजोर प्रतिद्वंद्वी साबित हुए। शंकर के सामने ही अर्जुन ने अपनी चुनावी पारी का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया। वहीं रेवंत राम के सामने अपनी चुनावी पारी का सबसे कमजोर रिकॉर्ड बनाया। हालांकि 2009 से पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा फिफ्टी नहीं मार सकी। उस समय भाजपा की तरफ से एक्टर धर्मेंद्र सिंह थे तो कांग्रेस ने रामेश्वर डूडी को चुनाव मैदान में उतारा था। एक्टर का क्रेज होते हुए भी वह 48.06 प्रतिशत वोट हासिल कर पाए जबकि डूडी ने 42.76 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। फिर अर्जुन के वक्त ग्राफ गिरा।
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