24 July 2022 08:20 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर।(पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) वीडियो भी देखें ---बीकानेर में नकली नोट बनाने की टकसाल पकड़े जाने के बाद हवाला कारोबार जगत में भी हड़कंप मच गया है। बीकानेर के रिकॉर्डेड व गैर रिकॉर्डेड कुख्यात सटोरियों की भी हवा टाइट हो रखी है। आशंका है कि नकली नोटों के सरगना सुरसुरा निवासी चंपालाल उर्फ नवीन सारस्वत सहित अन्य के साथ शहर के कुछ सफेदपोश सटोरियों की भी जुगलबंदी हो। पुलिस ने मामले में बीती रात छापेमारी कर 6 आरोपियों सहित 2 करोड़ 74 लाख रूपए के नकली नोट पकड़े थे।
आज कोटगेट थाने में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आईजी रेंज बीकानेर ओमप्रकाश पासवान ने नकली नोटो से जुड़े इस प्रकरण में अब तक की कार्रवाई के बारे में मीडिया को जानकारी दी। नकली नोट टकसाल प्रकरण पर पूरे देश की नजर है। नकली नोटों के मामले में यह राज्य की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। आइए इस प्रकरण से जुड़ी अब तक की सारी जानकारी को बिंदुवार समझते हैं-
-अब तक सरगना सहित नौ युवक चढ़ चुके पुलिस के हत्थे-: बीती रात पुलिस ने नोखा व जेएनवीसी थाना क्षेत्र से कुल 6 युवकों को दबोचा था। आरोपियों की पहचान 28 केजेडी खाजूवाला हाल प्लॉट नंबर 670, वृंदावन एनक्लेव, जेएनवीसी थाना क्षेत्र निवासी 24 वर्षीय रविकांत पुत्र मनीराम जाखड़, दंतौर निवासी 27 वर्षीय नरेंद्र शर्मा पुत्र कैलाश शर्मा, वार्ड नंबर 9, लूणकरणसर निवासी 29 वर्षीय मालचंद शर्मा पुत्र हिम्मताराम शर्मा, गुसांईसर बड़ा, नापासर निवासी 26 वर्षीय पूनमचंद शर्मा पुत्र चतुर्भुज शर्मा, बेरासर, जसरासर थाना क्षेत्र निवासी 22 वर्षीय राकेश सारस्वत पुत्र किसन सारस्वत व सुरपुरा नोखा निवासी 31 वर्षीय चंपालाल उर्फ नवीन सारस्वत पुत्र प्रेमसुख सारस्वत के रूप में हुई।
वहीं आज हरियाणा की करनाल पुलिस ने लूणकरणसर निवासी दीपक मोची व किसनासर निवासी केसराराम प्रजापत सहित एक अन्य को गिरफ्तार किया है। बीकानेर पुलिस की टीम अग्रिम कार्रवाई हेतु करनाल के लिए रवाना हो चुकी है।
-लग्जरी लाइफ से शक में आया एक युवक और आईजी ऑफिस के तीन हाईवोल्टेज पुलिसकर्मियों ने दे दिया बदमाशों को झटका:- पुलिस की यह कार्रवाई महज एक दो दिवस की मेहनत का परिणाम नहीं है बल्कि एक माह की तपस्या का परिणाम है। दरअसल, एक माह पूर्व लूणकरणसर थाने में तैनात कांस्टेबल जयप्रकाश व कांस्टेबल सचित्र वीर को दीपक मोची नाम के शख्स पर शक हुआ। दीपक मंहगी गाड़ी रखता। मंहगे कपड़े व मंहगी चीजें उपयोग करता। उसकी हाईफाई लाइफस्टाइल देखकर दोनों कांस्टेबलों ने दीपक के काम के बारे में पता किया तो पता चला कि यह नकली नोटों का धंधा करता है। कांस्टेबलों ने आईजी ऑफिस में तैनात उप अधीक्षक नरेंद्र पूनिया को इस संबंध में सूचना दी। कांस्टेबलों ने बताया कि चौधरी कॉलोनी लूणकरणसर निवासी दीपक मोची पुत्र सोहनलाल नकली नोटों का धंधा कर रहा है।
पूनिया ने आईजी ओमप्रकाश पासवान को मामले की जानकारी दी। आईजी के निर्देशन में नरेंद्र पूनिया के सुपरविजन में आईजी ऑफिस में तैनात हैड कांस्टेबल नानूराम गोदारा 208, कांस्टेबल संदीप कुमार जांदू 1695 व कांस्टेबल रामप्रताप सायच 1571 को दीपक व उसकी गैंग के बारे में सारी जानकारी जुटाने को कहा। तीन पुलिसकर्मियों ने दीपक के लिंक तलाशने शुरू किए। पता चला कि वह वाकई नकली नोटों का धंधा करता है। नानूराम, संदीप व रामप्रताप ने रात दिन एक कर दीपक व उसके साथियों की रैकी करनी शुरू कर दी। उनकी गाड़ियों, ठिकानों, मोबाइल नंबरों सहित उनसे मिलने जुलने वालों पर नजर रखनी शुरू कर दी। तीनों ने एक के बाद क्लू हासिल करते हुए सारा खेल मालूम कर लिया। इन तीनों पुलिसकर्मियों की एक माह की कड़ी मेहनत की बदौलत बीती रात आईजी की टीम ने नकली नोटों के मामले में राज्य की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया।
-बीकानेर नर्सिंग होम के पास थी नकली नोटों की टकसाल:-- पुलिस सूत्रों के मुताबिक पवनपुरी स्थित बीकानेर नर्सिंग के पास भारत टैंट हाउस के ऊपर बदमाशों ने नकली नोटों की टकसाल बना रखी थी। यहां उन्होंने चौथी मंजिल पर एक कमरा ले रखा था। यहीं पर प्रिंटर , कागज, स्याही आदि समस्त उपकरण रखते। यही पर नोट छापते और कटिंग कर पैकिंग तैयार करते।
-शक हुआ तो वृंदावन में शिफ्ट कर ली टकसाल:- आईजी ऑफिस की तीन सदस्यीय टीम लगातार आरोपियों व टकसाल की रैकी कर रही थी। आरोपियों को भनक लगी तो तीन दिन पहले उन्होंने ठिकाना बदल लिया। लेकिन तीन सदस्यीय टीम की नजर से बचने में नाकाम रहे। आखिर बीती रात आईजी ओमप्रकाश के निर्देश पर वृंदावन एनक्लेव स्थित मकान नंबर 670 प्रथम फेज में बनाए गए ठिकाने पर पुलिस ने दबिश दी। यहां से पुलिस ने रविकांत जाखड़, नरेंद्र शर्मा उर्फ विक्की व मालचंद शर्मा को धर दबोचा। मौके से बड़ी मात्रा में नकली नोट, प्रिंटिंग मशीन, स्याही, कागज आदि बरामद हुए।
वहीं पुलिस को चंपालाल उर्फ नवीन, पूनमचंद तथा राकेश की सूचना भी मिल चुकी थी। पता चला था कि तीनों वृंदावन से एसक्रोस गाड़ी नंबर आरजे 50 सीए 9009 में भारी मात्रा में नकली नोट भरकर गए थे, जो नोखा से मुकाम की ओर जाते देखे गए हैं। इस पर पुलिस ने दबिश देकर तीनों को नोखा के पास से गिरफ्तार कर लिया।
-पहले था गुर्गा फिर बन गया बॉस:-- सूत्रों से पता चला है कि चंपालाल उर्फ नवीन पहले खुद भी किसी अन्य गैंग का सदस्य था। वह सरगना के कहे अनुसार हवाले के रूपए लाकर उन्हें नकली में बदलने का काम करता था। बाद में खुद की गैंग बना ली। आशंका है कि यह गैंग नोटबंदी के बाद बनाई होगी। नोटबंदी के समय आरोपी हवाले के पांच करोड़ दस लाख रूपयों के साथ बीछवाल पुलिस के हत्थे चढ़ गया था। ये असली नोट थे। बीछवाल थाने में उसके खिलाफ एक मुकदमा भी दर्ज है। इसी के बाद उसने अपनी गैंग बनाई होगी। हालांकि अपुष्ट सूचना यह भी है कि वह एक बार हवाले के रूपए भी पार कर चुका है। इन्हीं रूपयों से उसने सुरपुरा में अपनी कोठी बनाई होगी। इम्फाल में उसके खिलाफ नकली नोटों से जुड़ा एक मुकदमा भी है।
-गैंग में 30-40 सदस्य होने की आशंका, ये हैं ख़ास- चंपालाल उर्फ नवीन के इस गैंग में 30-40 सदस्य होने की आशंका है। पुलिस के अनुसार इसका सबसे ज्यादा काम दीपक ही करता था। हालांकि दीपक के दिखावे ने इन सबको सलाखों के पीछे पहुंचाया। बताया जा रहा है कि नरेंद्र उर्फ विक्की सारस्वत व पूनम शर्मा उसके सब विश्वास पात्र गुर्गे हैं।
-चंपालाल है बड़ा होशियार, खुद नहीं जाता फील्ड में:- पुलिस जांच में पता चला है कि चंपालाल बेहद शातिर किस्म का युवक है। वह पूरी टीम को वाट्सएप के माध्यम से निर्देश देता है। स्वयं ना तो टकसाल में आता जाता है और ना ही हवाला करने। वह हवाला की पार्टी से डील कर वाट्सएप के माध्यम से फिल्डिंग जमाता है। वहीं एक पार्टी का हवाला एक बार जिस गुर्गे से करवा लिया, दूसरी बार उस पार्टी के पास उस गुर्गे को नहीं भेजता। वहीं हर पार्टी के लिए सिम बदल दी जाती है। एक ही सिम से दूसरी पार्टी के साथ डील नहीं करता।
वहीं यह लोग नकली नोटों को प्लास्टिक के बॉक्स में पैक करते हैं। जिसके ऊपर और नीचे का एक एक नोट असली होता है। अगर पार्टी डिलीवरी लेते समय गिनती का बोल दे तो डिलीवरी रद्द ही कर देते हैं। वहीं नकली नोटों के बदले प्राप्त असली मुद्रा में सबकी अलग अलग हिस्सेदारी होती है। सबसे अधिक हिस्सा चंपालाल का होता है।
-चंपालाल की एक टीम 14 जुलाई को गई थी एक करोड़ लेकर दिल्ली, करनाल में पकड़ी गई:- पुलिस के अनुसार चंपालाल की अलग अलग कई टीमें हैं। दीपक मोची के साथ एक टीम 14 जुलाई की रात दिल्ली गई थी। ये टीम एक करोड़ रुपए के नकली नोट लेकर सप्लाई के लिए निकली थी। इसमें भीखसिंह राजपुरोहित व केसराराम प्रजापत के शामिल बताए गए।
बीती रात हुई छापेमारी तक ये आरोपी दिल्ली के एक होटल में रुके थे। इनको जैसे ही पुलिस एक्शन की भनक लगी ये लोग अपनी गाड़ी में बैठकर वहां से फरार हो गए। आईजी की स्पेशल टीम ने आसूचना एकत्र कर उसके करनाल में होने का पता लगाया। आईजी ओमप्रकाश ने करनाल आईजी सत्येन्द्र गुप्ता व एसपी गंगाराम पूनिया से सख्त नाकाबंदी व त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ने का आग्रह किया। दीपक मोची व उसकी गाड़ी के फोटो साझा किए। करनाल पुलिस ने नाकाबंदी कर उन्हें पकड़ने का प्रयास किया मगर आरोपी पुलिस वाहन को टक्कर मारकर फरार हो गए। बाद में करनाल पुलिस ने नाकाबंदी कर उन्हें पकड़ लिया। इसमें दीपक मोची, केसराराम प्रजापत वह एक अन्य शामिल हैं। बीकानेर पुलिस की तरफ से कोतवाली थानाधिकारी नवनीत धारीवाल मय टीम अग्रिम कार्रवाई हेतु करनाल भेजी जा चुकी है।
-पिक्चर अभी बाकी है, हवाला कारोबारियों व सटोरियों पर आ सकती है आफत, इनकम टैक्स, एस ओ जी सहित विभिन्न जांच एजेंसियां आएगी बीकानेर:- पुलिस ने अब तक चंपालाल सहित 6 को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दीपक सहित तीन युवक करनाल पुलिस की कस्टडी में हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो मामले में अभी और भी कई गुर्गों की गिरफ्तारियां होगी। पुलिस के इस बड़े एक्शन से हवाला कारोबारियों में हड़कंप मच चुका है। चंपालाल गैंग की नोखा व बीकानेर शहर के बड़े हवाला कारोबारियों से जुगलबंदी होने की पूरी संभावना है। बीकानेर जिले का सबसे बड़ा हवाला किंग भी बीकानेर शहर से जुड़ा हुआ है। वहीं डब्बा ट्रेडिंग का सबसे बड़ा किंग भी बीकानेर शहर का है। क्रिकेट सट्टे, डब्बा ट्रेडिंग व चुनाव सट्टे से लेकर हवाला कारोबार का केंद्र भी बीकानेर ही है। ऐसे में नकली मुद्रा निर्माण के इस बड़े मामले में अगर पुलिस तह तक गई तो कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।
-चंपालाल के अतिरिक्त नरेंद्र का भी है आपराधिक रिकॉर्ड:- चंपालाल के खिलाफ अब दो मुकदमें हैं। वहीं नरेंद्र के खिलाफ पालनपुर पश्चिम, गुजरात में धारा 489क, 489ख, 489ग, 489घ, 420 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज है। मामला 43 लाख की नकली मुद्रा से जुड़ा है। आरोपी इस मामले में जेल रहकर आ चुका है। वहीं 27 जुलाई को अगली पेशी है।
-परिवार भी जानता है बेटों का पाप:- पुलिस के अनुसार नकली मुद्रा के इस अपराध की जानकारी 6 के 6 मुल्जिमों के परिजनों को भी है। बावजूद इसके लगातार अवैध धंधा जारी था। आशंका है कि ये लोग अब तक अरबों रूपए के नकली नोट खपा चुके हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि पकड़े गए नकली नोट कलकत्ता में सप्लाई किए जाने थे। वहीं चंपालाल गैंग ने अब तक दिल्ली, कलकत्ता, मुंबई, पुणे, चैन्नई, बैंगलोर, पटना, गुवाहटी, शिलोंग, लुधियाना, चंडीगढ़, सूरत, अहमदाबाद, वृंदावन, बनारस, गाजियाबाद आदि शहरों में नकली नोट खपाए हैं।
-बनाते हैं सिर्फ 500 व दो हजार के नोट, ये हुई बरामदगी:- आरोपी केवल पांच सौ व दो हजार के नोट भी बनाते हैं। इसका कागज कहां से आता है, यह अभी तक रहस्य ही है। मौके से प्रिंटर, 6 पेपर कटर,कटर ब्लेड पैकेट 2, एक कैंची, दो ब्लैक मार्कर, नोटों के बंडल तैयार करने के लिए पारदर्शी प्लास्टिक, काली प्लास्टिक थैली, तीन बड़े डिब्बे, खुले रबर बैंड, एक पेपर सीट जिस पर आईसीआईसीआई बैंक एटीएम की पर्चियां, एसबीआई बैंक की पर्चियां, नोटों की गड्डी पर लगाने की एसबीआई की पर्ची का एक बंडल जब्त किया गया। इसके अतिरिक्त तीन कारें, 2 करोड़ 74 लाख रुपए बरामद हुए। वहीं करनाल में पकड़े गए नोटों की गिनती अभी बाकी है। मिले नकली नोटों की सीरिज ख़बर में फोटो के रूप में सलंग्न की जा रही है।
-चार दिन पहले कोतवाली के एक स्वर्णकार के साथ भी हुई लाखों की ठगी:- सूत्रों से पता चला है कि कोतवाली थाना क्षेत्र के एक स्वर्णकार के साथ भी चार दिन पूर्व एक गैंग ने नकली नोटों से ठगी की है। बताया जा रहा है कि स्वर्णकार को दिल्ली हवाला करवाना था। नकली नोट गैंग ने स्वर्णकार से लाखों लिए मगर दिल्ली की पार्टी को लाखों के नकली नोट थमा दिए। इस गैंग के सदस्यों का भी सुरपुरा से लिंक बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
-आईजी ने की पांच पुलिसकर्मियों के प्रमोशन की सिफारिश:- नकली नोटों के मामले में राजस्थान की सबसे बड़ी कार्रवाई के हीरो रहे हैड कांस्टेबल नानूराम गोदारा, कांस्टेबल संदीप जांदू, कांस्टेबल रामप्रताप, कांस्टेबल जयप्रकाश व कांस्टेबल सचित्र वीर के प्रमोशन के लिए आईजी ओमप्रकाश पासवान ने पुलिस हैड क्वार्टर को सिफारिश भेजी है। इन्हीं पुलिसकर्मियों की बदौलत यह कार्रवाई संभव हो पाई।
ये रहे टीम में शामिल: आईजी ओमप्रकाश पासवान व एसपी योगेश यादव के निर्देशन वाली टीम में एएसपी अमित कुमार सुपरविजन व डीवाईएसपी नरेंद्र पूनिया के नेतृत्व वाली टीम में बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा, नोखा थानाधिकारी ईश्वर प्रसाद जांगिड़, हैड कांस्टेबल नानूराम गोदारा, दीपक यादव, कानदान, कांस्टेबल संदीप जांदू, रामप्रताप सायच, सुनील कुमार, हरिओम, वासुदेव, सवाई सिंह व देवेंद्र शामिल थे।
RELATED ARTICLES