27 April 2020 10:32 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। शादी-विवाह को लेकर पूरे देश में असमंजस की स्थिति है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त सूना गया। कोरोना ने विवाह को लेकर लोगों के सपने चकनाचूर कर दिए हैं। इस लॉक डाउन के दौरान ना के बराबर जोड़ों ने विवाह रचाया है। आमतौर पर सगाई पक्की करने जाते हैं तब भी दोनों पक्षों के आठ-दस लोग शामिल होते हैं, लेकिन कोरोना ने चार लोगों के बीच भी विवाह करवा दिए। बता दें कि मई तक होने वाले सभी विवाह रद्द हो चुके हैं। वहीं जून जुलाई में होने वाले विवाह पर अभी लोग निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। बता दें कि लॉक डाउन को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं इसके बाद भी कुछ माह तक सामुहिक आयोजनों को अनुमति मिलती नहीं लग रही। राजस्थान में अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम बीस लोगों को अनुमति देने की बात कही। उत्तरप्रदेश ने तो 30 जून तक सामूहिक आयोजनों पर पहले ही रोक लगा दी। वहीं कोरोना की वैक्सीन या पुख्ता इलाज न आने व प्रकोप समाप्त न होने तक सोशल डिस्टेंसिंग रखना महत्त्वपूर्ण होगा। ऐसे में सामूहिक आयोजनों की अनुमति भी ख़तरे से खाली नहीं होगी। देखा जाए तो जून जुलाई तक विवाह होते नहीं दिख रहे। वहीं उसके बाद चातुर्मास शुरू हो जाएगा। ऐसा अनुमान है कि अब विवाह आदि सामूहिक आयोजनों की रंगत नवंबर से ही लौटेगी। जानकारों का कहना है कि चातुर्मास के बाद 20 नवंबर से ही विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे। हालांकि चार पांच लोगों की मौजूदगी में तो विवाह करने की अनुमति प्रशासन अभी भी दे सकता है।
RELATED ARTICLES
27 February 2023 11:15 PM