20 April 2021 12:25 AM
-रोशन बाफना की रिपोर्ट
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पिछले पांच दिनों से गुटखा व तंबाकू उत्पादों में हो रही कालाबाजारी व अवैध बिक्री पर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने चेतावनी जारी की है। दरअसल, पांच-छः दिनों से तानसेन, रजनीगंधा, गणेश जर्दा, मिराज, बहार, नज़र, देसाई बीड़ी व विमल आदि ब्रांडों की स्टॉकिंग से लेकर कालाबाजारी हो रही है। यह कालाबाजारी 14 अप्रेल को लगे 6 से 5 के कर्फ्यू से पहले ही शुरू हो गई। बाद में 59 घंटे के लॉक डाउन से इन उत्पादों के विक्रय पर प्रतिबंध भी लग गया। ये प्रतिबंध फिलहाल 3 मई तक लागू है।
लेकिन अब इस प्रतिबंध के बावजूद बिक्री चालू है वह भी ब्लैक रेट में। ब्लैक के इस खेल में होलसेलर से लेकर रिटेलर तक सब शामिल है। हालांकि ब्लैक का यह खेल बड़ी मछलियों की साज़िश का हिस्सा है। जानकारी के मुताबिक होलसेल बाजार में 1600 का रजनीगंधा 1800 में बिक रहा है। 212 का तानसेन 300 से 350 में बिक रहा है। इसी तरह रिटेल बाजार में लगभग सभी ब्रांड 5 वाला गुटखा 8-12 रूपए में बेच रहे हैं। कहीं 20 के तीन भी बिक रहे हैं। तो कहीं 25 के तीन भी बिक रहे हैं। सबसे ज्यादा क्राइसिस तानसेन व रजनीगंधा द्वारा पैदा की जा रही है। पिछले लॉकडाउन में भी इन ब्रांड्स ने करोड़ों की कालाबाजारी की। प्रतिबंध के बावजूद बिक्री होने पर टैक्स चोरी भी शत प्रतिशत होती है। वहीं केवल ओवर रेट में जनता के शोषण के साथ अतिरिक्त मुनाफे पर मिलने वाले टैक्स सरकार वंचित रह जाती है। आर्थिक मंदी और तंगी के इस समय में यह कालाबाजारी गरीबों के चूल्हों को बुझा सकती है। वजह, गुटखा तंबाकू उत्पाद उपभोक्ताओं की मजबूरी है, ऐसे में सारे पैसे इन्हीं में खर्च हो जाएंगे तो घर कैसे चलेगा।
सूत्रों का कहना है 'चोरी छिपे अवैध बिक्री व डकैती' का यह खेल जिम्मेदारों की नज़र में है, मगर सबका काम बनता है इसलिए कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में गुटखा उपभोक्ताओं की मजबूरी का फायदा उठाने वाले इन विक्रेताओं को सबक कौन सिखाएगा। संबंधित विभाग अगर केवल मात्र बड़े होलसेरों पर ही कार्रवाई कर दे तो यह अवैध बिक्री और कालाबाजारी का खेल रुक सकता है, मगर संबंधित विभाग भी छोटे होलसेलरों अथवा रिटेलरों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति कर डालते हैं। अब देखना यह है कि कलेक्टर मेहता के आदेशों की किस हद तक पालना करवाई जाती है।
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