13 February 2021 11:14 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। व्यास धीर-गंभीर प्रकृति के लेखक हैं। इनकी रचनाएं सामाजिक विद्रूपताओं को ना सिर्फ दर्शाती हैं, बल्कि इनकी लेखनी में इन विषमताओं को दूर करने की हूंस भी है। व्यास ने अपनी पहली पुस्तक में कहानियों, लघु कथाओं, कविताओं और गजलों को एक साथ स्थान दिया है। हिंदी साहित्य में इसे नया प्रयोग कहा जा सकता है।
कवि-कथाकार अविनाश चंद्र व्यास की पहली पुस्तक ‘तटस्थ’ के विमोचन अवसर पर शनिवार को ओझा सत्संग भवन में आयोजित समारोह में अतिथियों ने यह उद्गार व्यक्त किए। केन्द्रीय साहित्य अकादमी में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि व्यास की रचनाएं समाज की प्रतिबिंब हैं। यह हमारे आसपास के माहौल से उपजी रचनाएं हैं। इनकी कविताओं में गहराई है, तो कहानियों में सामाजिक ताना-बाना है।
वरिष्ठ कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि एक ही पुस्तक में अलग-अलग विधाओं को शामिल करना नया प्रयोग है। इसमें अनेक चुनौतियां हैं, लेकिन व्यास इन पर खरे उतरे हैं। इनमें जीवन के अनेक पक्षों को उजागर किया गया है।
व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि आज के दौर में व्यास की रचनाएं बेहद प्रासंगिक हैं। इनमें सपाट बयानी है, जो कि पाठक मन को भीतर तक झकझोरती है। इससे पहले अतिथियों ने ‘तटस्थ’ पुस्तक का विमोचन किया। डाॅ. सत्यशंकर हर्ष ने स्वागत उद्बोदन दिया। डाॅ. नीरज दइया ने पत्र वाचन किया। उद्योगपति राजेश चूरा ने कहा कि व्यास ने बीकानेर की लेखकीय परम्परा को आगे बढ़ाया है। बसंती हर्ष तथा अश्विनी हर्ष ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन हरि शंकर आचार्य ने किया। इस अवसर पर बलदेव जोशी, एस के आचार्य, ज्योतिमित्र आचार्य, श्रीराम बिस्सा, धर्मेश व्यास, दिनेश व्यास, मोहम्मद बरक्ततुल्ला, रमेश पंड्या, सुरेंद्र चूरा आदि मौजूद रहे।
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