08 November 2022 09:39 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। एक बार फिर विभागीय लापरवाही की वजह से एक बेकसूर की जान चली गई है। घटना लूणकरणसर तहसील के कालू थाना क्षेत्र अंतर्गत कपूरीसर की है। यहां 11 हजार केवी की क्षतिग्रस्त हाई टेंशन बिजली लाइन की चपेट में आने से 40 वर्षीय लालदास पुत्र आसदास स्वामी की अकाल मृत्यु हो गई। लालदास की अकाल मृत्यु से 7 बच्चों से सिर से पिता का साया उठ गया है। सूत्रों के मुताबिक लालदास के 6 पुत्रियां व एक पुत्र हैं। इनमें से केवल दो पुत्रियां शादीशुदा हैं। सबसे छोटी संतान की उम्र मात्र पांच वर्ष है। ऐसे में यह दर्दनाक हादसा और भी अधिक दुखदाई बन गया है।
टाइगर फोर्स के राकेश मूंड के अनुसार 754 ए पर निर्माणाधीन भारत माला सड़क के पास कपूरीसर गांव का चेंज ओवर है। यहां जल जीवन मिशन योजना के तहत पाईप लाइन डाली जा रही है। यहां पहले से 11 हजार क्षमता वाली बिजली की लाइन गुजरती थी। भारत माला का काम शुरू हुआ तो इस लाइन को अंडर ग्राउंड कर दिया गया। आरोप है कि यह लाइन जगह जगह से कटी फटी क्षतिग्रस्त थी। जिस पर संबंधित विभागों ने ध्यान नहीं दिया। आज जल जीवन मिशन योजना के तहत पाईप लाइन डाली जा रही थी। लालदास इसी योजना में कार्य कर रहा था। जब वह पाईप लाइन डालने का कार्य कर रहा था, तब 11 हजार केवी क्षमता वाली बिजली लाइन से करंट प्रवाहित हुआ और वह उसकी चपेट में आ गया। उसे लूणकरणसर सीएचसी ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि दोपहर दो बजे की घटना पर अब तक हंगामा है। ख़बर लिखने तक मौके पर एसडीएम, सीओ लूणकरणसर, थानाधिकारी, तहसीलदार, टाइगर फोर्स प्रदेशाध्यक्ष महिपाल सिंह राठौड़, प्रभु दयाल सारस्वत व कानाराम गोदारा सहित प्रतिष्ठित लोग इकट्ठा थे। इस हादसे के पीछे किस विभाग की लापरवाही है, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। बिजली विभाग, जल जीवन मिशन योजना व भारत माला परियोजना से जुड़ी एजेंसियां निशाने पर हैं। लालदास के परिवार को पचास लाख का मुआवजा दिलवाने की मांग की जा रही है।
बता दें कि लालदास की चार पुत्रियों व एक पुत्र के लालन पालन, शिक्षा व विवाह आदि की भारी जिम्मेदारियां अब उसकी पत्नी पर आ गई है। पहाड़ सी जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए पचास लाख कोई बड़ी राशि नहीं है। अब देखना यह है कि लापरवाह एजेंसियों से कितना मुआवजा दिलवाया जाता है। मुआवजा लालदास के मृत शरीर में प्राण तो नहीं फूंक सकेगा मगर उसके परिजनों के जीवन यापन में सहायक बन सकेगा।
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