12 May 2020 11:30 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नोखा दैया की कोरोना पॉजिटिव महिला के अंतिम संस्कार में भय और ग़म के बाद कर्तव्यनिष्ठा का अनूठा उदाहरण देखने को मिला। बुधवार रात गांव के कब्रिस्तान में सीएमएचओ डॉ बीएल मीणा व उनकी टीम के साथ नाल थानाधिकारी विक्रमसिंह मय टीम मौके पर थी। शव आने से पहले पुलिस ने कब्र खोदने के लिए जेसीबी मशीन मंगवाई। साढ़े छः फीट की कब्र खोदने के बीच ही मृतका का शव कब्रिस्तान पहुंच गया। कोरोना पॉजिटिव का शव आने के साथ ही जेसीबी चालक के चेहरे पर भय दिखने लगा। पुलिस के अनुसार चालक को समझाते हुए साढ़े छ: फीट की कब्र खुदवाई गई, सब तैयारियां हो चुकी थी, लेकिन असली चुनौती अब ही सामने थी। हालांकि मृतका के पति को भी मिट्टी देने की रस्म के लिए लाया गया था। मृतका का शव प्लास्टिक से सील्ड किया हुआ था। लेकिन अब सवाल यह था कि शव को कब्र में कौन रखे और कौन मिट्टी डाले। जेसीबी चालक शव को समीप लाने से पहले ही पीछे हट चुका था। कोरोना संक्रमण के खतरे से हर कोई भाग रहा है, मगर डॉक्टर व पुलिस भय के पार अपनी ड्यूटी निभाने में लगे हैं। लेकिन महिला को दफनाने की प्रक्रिया पूर्ण करने में भय बाधा भी बन रहा था। कब्रिस्तान के इस भयाक्रांत परिदृश्य के बीच खाकी मुस्तैदी से तैनात थी। वहीं खाकी जो वक्त आने पर अपना बलिदान करने से पीछे नहीं हटती। खाकी में लिपटे इन फरिश्तों ने महिला के शव को कब्र में सुलाया। इसके बाद भी साढ़े छ: फीट की कब्र को मिट्टी से भरना था। पुलिस ने इसको भी भरा। पति से रस्म की मिट्टी डलवाई था। बता दें कि इस महिला की किडनियां खराब हो चुकी थी, इसी बीच इसे कोरोना हो गया। हालांकि इसकी मौत किडनी की बीमारी से होना माना जा रहा है, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि किडनी की इस मरीज़ का कोरोना ठीक करना भी संभव नहीं होता।
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