21 July 2020 11:45 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना काल ने स्कूलों का भी आर्थिक ढांचा खस्ताहाल कर दिया है। ऐसे में स्कूलों के पास अब शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन देने की व्यवस्था नहीं है, वहीं अलग अलग किश्तों का भुगतान भी मुश्किल हो गया है। स्कूलों के संगठन स्कूल शिक्षा परिवार ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन देकर फीस के मसले पर 7 जुलाई को जारी फरमान पर पुनर्विचार की गुजारिश की है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा है कि सीबीएसई बोर्ड के लिए पाठ्यक्रम तय हुआ और ऑनलाइन एजुकेशन जारी है। लेकिन राजस्थान बोर्ड ने पाठ्यक्रम तय नहीं किया और अपनी लापरवाही का दोष उल्टे स्कूलों पर डाल रहे हैं। शर्मा ने कहा कि स्कूलों ने अपने स्तर पर आगामी तय पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाई प्रारंभ करवाई, अभिभावक भी खुश थे। मगर सरकार ने इकतरफा तुगलकी फरमान जारी कर स्कूलों के हालात और बिगाड़ दिए हैं। वहीं संगठन के बीकानेर शहर अध्यक्ष सवाई सिंह राजपुरोहित ने कहा कि विभाग ने पिछले दो तीन वर्षों से आरटीई के बिलों का भुगतान तक नहीं किया है। इसके अलावा मान्यता के समय बालिका शिक्षा फाउंडेशन के नाम पर तीन से पांच लाख की एफडी लेते हैं, जिस पर ब्याज नहीं देते। कोरोना के इस बुरे दौर को देखते हुए सरकार को यह एफडी स्कूलों को लौटानी चाहिए। पहले से ही संकट झेल रही स्कूलों को अब फीस न लेने के फरमान ने कमजोर कर दिया है। संगठन ने कहा है कि बिगड़े हालातों से टूटकर सात अब तक सात स्कूल संचालक आत्महत्या कर चुके हैं। संगठन ने वार्ता कर समस्या के समाधान की मांग की है।
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