19 August 2020 09:16 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। साठ साल के बूढ़े आशिक को बेटी की उम्र की विवाहिता की ऐसी लत लगी की अवैध प्रेम व हत्या ने जेल की रोटी नसीब में लिख दी है। मामला श्रीगंगानगर के रावला का है। जहां के धर्मेंद्र विश्नोई का शव नहर में बहता हुआ बीकानेर के खाजूवाला तक आ पहुंचा। खाजूवाला के केवाईडी हैड 32 में 12 अगस्त को यह शव देखा गया जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। वहीं शिनाख्त न होने पर थानाधिकारी रमेश सर्वटा ने अनुमान लगाया और श्रीगंगानगर व खाजूवाला बेल्ट के पत्रकारों व सोशल मीडिया ग्रुपों में फोटो वायरल किया। मीडिया व सोशल मीडिया के सहयोग से रावला निवासी तक शव का फोटो पहुंचा और मृतक का भाई थाने पहुंचा। अब शव की शिनाख्त धर्मेंद्र के रूप में हो चुकी थी व आत्महत्या के शक पर मर्ग भी दर्ज कर ली गई। लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान सर्वटा के शक की सुई घूम गई। शव परिजनों को सुपुर्द करने के साथ ही सर्वटा पुलिस टीम के साथ रावला रवाना हो गए। हत्या का शक होने का कारण कुछ चोट के निशान थे। सर्वटा ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बीस पुलिस कर्मियों की टीम के साथ जांच शुरू की। मृतक के घर से नहर की दूरी पचास कदम थी। इस पुलिस टीम को उस प्वाइंट का पता लगाने के निर्देश दिए गये जहां से धर्मेंद्र का शव नहर में गया। वहीं खेत में जहां धर्मेंद्र रहता था वहां तहकीकात की गई। पुलिस को सुराग मिल चुके थे। जिसके बाद धर्मेंद्र की पत्नी सुमन, भूपसिंह विश्नोई व छिंद्र सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के सामने चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मृतक धर्मेंद्र अपनी पत्नी के साथ भूपसिंह के खेत में रहता व हिस्सेदारी में खेत काश्त करता था। धर्मेंद्र खेत पर काम करने चला जाता इस बीच भूपसिंह उसके घर उसकी पत्नी के पास आने लगा। 60 वर्षीय भूपसिंह 23 वर्षीय सुमन की सुंदरता पे मोहित हो गया। वहीं सुमन उसकी संपत्ति से आकर्षित थी। दोनों में इसे लेकर अवैध संबंध शुरू हो गये। धर्मेंद्र की अनुपस्थिति में भूपसिंह व सुमन में अवैध रिश्ते होते। लेकिन धर्मेंद्र को यह बात पता चला गयी, जिसके बाद उसने विरोध किया। लेकिन पंचायती के बाद राजीनामा हो गया। लेकिन अब भूपसिंह पाबंद किया जा चुका था। ऐसे में उसने सुमन के साथ मिलकर व्यूह रचना की। और इसमें शामिल किया छिंद्र सिंह को। छिंद्र धर्मेंद्र से पहले भूपसिंह का खेत काश्त करता था। भूपसिंह बुढ़ापे की वजह से पूरी वारदात को अंजाम नहीं दे सकता था इसलिए छिंद्र का सहारा लिया। छिंद्र ने धर्मेंद्र को शराब पिलाई, इसके बाद तीनों ने मिलकर उसका गला दबाया। वहीं जब धर्मेंद्र की सांसें थम गई तो उसे नहर में बहा दिया गया। लेकिन खाजूवाला पुलिस की सूझबूझ से इस खूनी प्रेम संबंध का पर्दाफाश हो गया। इस पूरे मामले में आईजी व एसपी, एएसपी व सीओ का मार्गदर्शन महत्त्वपूर्ण रहा। पुलिस टीम में महेंद्र सिंह, रामस्वरूप, संतराम, ब्रह्मानंद, अमरजीत सिंह, रूपाराम, दीपेंद्र कुमार, लाभूराम, ओमप्रकाश, द्रौपदी ने फील्ड वर्क में सहयोग किया। वहीं मलकित सिंह, दलीप सिंह ने तकनीकी सहयोग किया। उल्लेखनीय है कि इस मामले को उजागर करने के लिए सर्वटा मय बीस पुलिसकर्मियों की टीम सात दिन रावला में ही रही।
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