23 October 2020 11:11 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। शहर दहशत की पराकाष्ठा पर है। उजड़ा परिवार सरकार, पुलिस व प्रशासन से चीख चीख कर सवाल कर रहा है कि उसके बेटे का कसूर क्या था ? पता है आपको, गोलीबारी ने शहर में आज दूसरे परिवार को उजाड़ दिया है। इससे पहले 12 साल के मासूम की भी ऐसी ही एक जालिम गोली ने जान ले ली थी। और अब पूगल रोड़ स्थित भाजपा नेता के मकान के पास हुई फायरिंग में आचार्य चौक निवासी 38 वर्षीय गिरीराज अग्रवाल पुत्र ओमप्रकाश अग्रवाल की मौत हो गई। गिरीराज के गले में गोली लगी थी। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। गिरीराज को गोली मारी गई थी या लग गई थी, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह स्पष्ट है कि एक घर का चिराग, एक बच्ची और बच्चे की छत्त और एक मांग का सिंदूर छीन लिया गया है। गोगागेट अग्रवाल सभा का मंत्री गिरीराज मेहनत करके परिवार चलाता था। अपने भाई द्वारा निर्मित अगरबत्ती की सप्लाई का काम गिरीराज करता था। लेकिन अचानक कुछ लुटेरों ने फायरिंग की, पैसे की लूट भी की बताते हैं। पैसे की लूट की तो की, एक परिवार की खुशियां लूट ली गई।
शहर ग़मज़दा है। भविष्य ख़तरे में दिखने लगा है। बिन पिता के दो बच्चों का पालन कैसे होगा? एक सामान्य परिवार के सामने आने वाली चुनौतियां रोंगटे खड़े करने वाली है। अब हर कोई न्याय की मांग कर रहा है। राहत की मांग कर रहा है। राहत जो गिरीराज के परिवार की आर्थिक सहायता करके दी जा सकती है। राहत को बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्चा उठाकर दी जा सकती है। राहत जो शहर को हथियार मुक्त करवाकर दी जा सकती है। राहत जो गुंडाराज से मुक्ति दिलाकर दी जा सकती है। लेकिन यह एक चुनौती है। जब पुलिस का भय खत्म हो चुका हो, जब जेल के अंधेरे अपराधियों को डराते ना हो, जब मुकदमा टीआरपी का साधन बन गया हो। अब पुलिस को बदलना होगा। सरकार को भी छूट देनी होगी। राजनेताओं को गुंडों की पैरवी बंद करनी होगी। इससे पहले कि और किसी निर्दोष के लहू से शहर ग़मज़दा हो, पुलिस को महाकाल बनना होगा।
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