08 June 2025 02:50 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। इंसान हवस और लालच में किस तरह वहशी दरिंदा बन जाता है, इसका ताज़ा मामला श्रीडूंगरगढ़ थाना क्षेत्र से सामने आया है। मामला श्रीडूंगरगढ़ थाना का है। जहां एक शनि मंदिर के पुजारी ने दो मासूम बच्चियों के साथ एक साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपी पुजारी 50 वर्षीय श्रीभगवान पुत्र रुघाराम सोनी को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है।
ये था मामला : सीओ श्रीडूंगरगढ़ निकेत पारीक के अनुसार दुष्कर्म की घटना एक 8 वर्षीय व एक 9 वर्षीय बच्ची के साथ हुई। दोनों बच्चियां श्रीडूंगरगढ़ थाना क्षेत्र में स्थित अपने ननिहाल आई हुई थी। 3 जून की सुबह वे घर पर बिना बताए शनि मंदिर चली गई। यह शनि मंदिर सुरजनसर से आडसर रोड़ पर स्थित है। आरोपी सुरजनसर निवासी आरोपी श्रीभगवान सोनी इस मंदिर का पुजारी हैं।
आरोपी ने बच्चियों को प्रसाद दिया। उनसे बातचीत की। फिर नई चप्पल देने के बहाने मंदिर के पीछे ले गया। जहां दोनों से दुष्कर्म किया।
आरोपी ने दुष्कर्म के बाद बच्चियों को जान से मारने की धमकी दी। कहा, किसी को भी घटना के बारे में बताया तो वह दोनों को जान से मार देगा। चारा काटने वाली दांती दिखाकर भी डराया गया।
-निडर बच्चियों ने बताई आपबीती: दोनों पीड़ित बच्चियां पुजारी की धमकी से डरी नहीं। उन्होंने घर पहुंचकर परिजनों को सारी बात बताई। सीओ के अनुसार 4 जून को शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच सीओ निकेत पारीक को दी गई। पुलिस ने 6 जून को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश किया गया, कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा के तहत जेल में भिजवा दिया।
-पांच लोगों की हत्या में 20 साल की काट चुका जेल: आरोपी श्रीभगवान 1993 में पांच लोगों की हत्या कर चुका है। तब बीदासर के एक ज्वेलर्स के यहां लूट की वारदात की थी। वारदात के दौरान बीच में आए परिवार को खत्म कर दिया। आरोपी ने दो महिलाओं व तीन बच्चों की हत्या कर दी थी। उस समय आरोपी लंबे समय तक फरार रहा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया।
आरोपी इतना सनकी और क्रूर साबित हुआ कि रतनगढ़ कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। आरोपी ने अपील की लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने फैसला बदलते हुए फांसी की जगह 20 साल की कैद की सजा सुनाई।
-2013 में आया जेल से बाहर और किया मंदिर पर कब्जा : बताया जा रहा है कि आरोपी 2013 में 20 साल बाद जेल से बाहर आया। आते ही शनि मंदिर पर कब्जा किया। तब से वह इस मंदिर का पुजारी बनकर बैठ गया। यह मंदिर गोचर भूमि पर बना बताते हैं।
-सुरजनसर व आसपास के गांवों के कुछ लोगों का है सपोर्ट: आरोपी श्रीभगवान का नाम भले ही भगवान हो मगर उसके कर्म राक्षसों जैसे क्रूर है। बीदासर में की गई हत्याएं इस बात का सबूत है कि बेहद क्रूर व समाज के लिए खतरा है। इसके बावजूद गांव के कुछ लोगों ने श्रीभगवान का सपोर्ट किया। सपोर्ट का कारण लालच था या डर, यह वही जानते हैं।
बताया जा रहा है कि सुरजनसर के अलावा आडसर के कुछ लोग भी श्रीभगवान का सपोर्ट करते हैं।
-हो जाती फांसी तो बच जाती मासूम: अगर उस समय श्रीभगवान को फांसी हो जाती तो आज मासूमों के दुष्कर्म जैसी वारदात नहीं होती। बताया जा रहा है कि आरोपी को बचाने के लिए उस समय भी कुछ लोगों ने पूरी ताकत लगाई थी। वहीं जब वह जेल से लौटा तब भी उसे सपोर्ट किया गया।
-ना जाने कितनों को बनाया हो शिकार: बता दें कि आरोपी 2013 से इसी मंदिर में अपनी दुकानदारी चला रहा था। वह तथाकथित तांत्रिक भी बताया जाता है। 3 जून को पुजारी की हवस का शिकार हुई बच्चियों ने परिवार को आपबीती बताई तो श्रीभगवान का हवसी चेहरा सामने आ गया। आशंका है कि आरोपी ने पहले भी हवस के खेल खेलें हों। हालांकि पुलिस ने इस संबंध कोई जांच नहीं की है।
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06 July 2020 11:49 PM