03 February 2025 09:42 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पीबीएम के नये अधीक्षक को लेकर चर्चाएं गरम है। डॉ पीके सैनी के इस्तीफे के बाद अब पीबीएम में कार्यवाहक अधीक्षक लगाए जाने की तैयारी है। सूत्रों की मानें तो डॉ सुरेंद्र वर्मा को कार्यवाहक अध्यक्ष लगाया जाएगा। वहीं प्रक्रिया के तहत अधीक्षक की नियुक्ति अभी अप्रेल के बाद होगी। पीबीएम अधीक्षक पद के लिए डॉ बीएल खजोटिया काफी रूचि रखते हैं। उनका पहले अधीक्षक बनना भी तय था, बाद में उम्र की दहलीज आड़े आ गई। हालांकि वह कुछ माह के लिए अधीक्षक बन भी सकते हैं।
अब अपडेट यह है कि पुनः फॉर्म भरे जाएंगे, इंटरव्यू होंगे फिर तय होगा पीबीएम अधीक्षक का नाम। सूत्रों की मानें तो डॉ परमेंद्र सिरोही, डॉ सुरेंद्र वर्मा, डॉ मनोहर दवां, डॉ सोनाली व डॉ आर के काजला सहित एक दो अन्य डॉक्टर पीबीएम के अधीक्षक की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं। डॉ परमेंद्र सिरोही सैनी से पहले अधीक्षक रहे। उनका कार्यकाल काफी प्रभावी रहा। लोक व्यवहार के मामले में भी उन्होंने दिल जीता। वहीं सुरेंद्र वर्मा भी विनम्र व्यवहार व कार्यशैली की वजह से कोविड के नोडल अधिकारी के रूप में दिल जीत चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक आर के काजला भी काफी प्रयास कर रहे हैं। वे भी पीबीएम की दौड़ में दौड़ने वाले तेज धावक माने जा रहे हैं।
बता दें कि सैनी की कार्यशैली से नाराज़ बीजेपी नेताओं का भी इस पद को लेकर खासा हस्तक्षेप रहेगा। विधायक जेठानंद व्यास हो या मंत्री सुमित गोदारा, सब अपने अपने तरीके से हस्तक्षेप करेंगे। वास्तविकता यह भी है कि डॉ सिरोही तक तो ठीक था लेकिन उसके बाद से ही पीबीएम को लेकर संतुष्टि का ग्राफ गिरता चला गया। बात पीबीएम की आंतरिक व्यवस्थाओं की हो या फिर विभिन्न तरह के ठेकों की, हर तरफ से विवाद रहा। हालात यह रहे कि पीबीएम केवल चंद बड़े ठेकेदारों के लिए बड़ी कमाई का जरिया बनकर रह गया। अब इसमें किसका क्या स्वार्थ था, यह तो निष्पक्ष जांच का विषय है लेकिन पीबीएम की बिगड़ी व्यवस्थाओं में एक दोष इस ठेका प्रथा का भी है। पीबीएम अधीक्षक सैनी का ध्यान आधारभूत ढांचे की मजबूती व नवीनीकरण से दूर ही रहा। दुनिया 5 जी मॉडल पर हैं लेकिन पीबीएम में आज भी यूरिनल व टॉयलेट जैसी आधारभूत आवश्यकताओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जबकि चिकित्सा व्यवस्था के अलावा इस विषय पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। अब देखना यह है कि सरकार पीबीएम के अधीक्षक की जिम्मेदारी किसको सौंपती है और आने वाला अधीक्षक धरातल पर कितना कार्य कर पाता है।
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