30 September 2025 03:05 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर रीजन के मास्टर प्लान 2043 के तहत 185 राजस्व गांवों सहित बीकानेर, नापासर व देशनोक को बीडीए में शामिल करने की प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि बीडीए ने संबंधित जन प्रतिनिधियों से चर्चा किए बगैर ही, आए जैसे ही मास्टर प्लान बना दिया गया है। जबकि गांव से लेकर तहसील तक के जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जानी चाहिए थी। आख़िर स्थानीय परिस्थितियों के बारे में इनसे बेहतर कौन बता सकता था। मास्टर प्लान 2043 में 40 किलोमीटर तक का क्षेत्र बीडीए में शामिल किया गया है। हालांकि बहुत कुछ अच्छा भी किया गया है।
लेकिन गांव रासीसर पुरोहितान व रासीसर बड़ा गांव को यह मास्टर प्लान रास नहीं आया है। दरअसल, बीडीए ने मास्टर प्लान में इन गांवों का भू-उपयोग नहीं बताया है। इन गांवों को पेराफेरी में शामिल किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पेराफेरी में शामिल करके तो गांवों के लिए संकट खड़ा कर दिया गया है। पेराफेरी का मतलब 2043 तक कोई विकास नहीं होना। यह बीडीए का बाहरी क्षेत्र होगा। गांव में वैसे ही आवासीय जमीनों की कमी है। पेराफेरी में आने से कृषि भूमि का आवासीय, व्यवसायिक व औद्योगिक उपयोग नहीं किया जा सकेगा। हालांकि विशेष अनुमति से भूमि का एक निश्चित प्रतिशत आवासीय आदि में उपयोग करने की अनुमति हासिल की जा सकती है। दूसरी ओर, शिकायत यह भी है कि गांव को गांव ही रहने दिया जाए। बीडीए में शामिल होने से भूमि का आवासीय रूपांतरण 262 प्रतिशत महंगा हो जाएगा। रोजगार के अनुपात में खर्चों का अनुपात बढ़ने से ग्रामीणों पर आर्थिक संकट भी खड़ा होगा।
बता दें कि रासीसर गांव के चार बास है। चार में से दो बास यानी रासीसर पुरोहितान व रासीसर बड़ा को मास्टर प्लान के तहत पेराफेरी में शामिल किया गया है। इसके विरोध में अब तक कुल 1200 आपत्तियां लग चुकी है।
आपत्तियां लगाने का सिलसिला जारी है। हालांकि बीडीए ने मास्टर प्लान में संसोधन हेतु आपत्तियां आमंत्रित की थी। ऐसे में संभव है कि आपत्तियों का अवलोकन व संसोधन करते वक्त बीडीए संबंधित जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों से बात करके भी अंतिम फैसला ले।
RELATED ARTICLES
14 September 2020 11:11 PM
