07 December 2020 08:46 PM

	
				  
				      	 
			     
	
				  
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। किसान आंदोलन की आग ने अब बीकानेर के वकीलों के बीच चिंगारी भड़का दी है। दरअसल, बार एसोसिएशन बीकानेर ने एक सूचना जारी कर 8 दिसंबर को एक दिवसीय वर्क सस्पेंड घोषित किया है। सूचना वायरल होने के साथ ही वकीलों में शीतयुद्ध शुरू हो गया है। वकीलों का एक धड़ा एसोसिएशन अध्यक्ष के इस निर्णय को ग़लत बता रहा है। तो वहीं एक धड़ा इस निर्णय के समर्थन में नज़र आ रहा है। दरअसल, यहां भी दलीय राजनीति नज़र आ रही है। जो वकील वकीलों के वर्क सस्पेंड के खिलाफ हैं वे मोदी अथवा बीजेपी के समर्थक नज़र आ रहे हैं, वहीं वर्क सस्पेंड के समर्थक कांग्रेस समर्थित बताए जा रहे हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि यहां भी किसान को न्याय मिलने की बात कहीं गौण हो गई है। इस पूरे मसले पर अभी तक कहीं निष्पक्ष व गैर राजनीतिक कमेटी के गठन की मांग नहीं की गई है, जो न्याय की बात कर सकें। वास्तव में कानून कायम रखने या रद्द करने का निर्णय किसान हित से जुड़ा होना चाहिए। जबकि पूरे मसले में अभी तक राजनीतिक गरमाहट देखने को मिल रही है। बता दें कि बीकानेर बार ही नहीं प्रदेश की अन्य बार ईकाईयों ने भी किसानों का समर्थन किया है तो वहीं बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने तो नरेंद्र मोदी को इस कानून पर विचार करने का प्रस्ताव भी भेज दिया है।
काउंसिल ने इन तीनों बिलों में किसानों सहित वकीलों का भी अहित बताया है। बताया जा रहा है कि इन बिलों के तहत अब संबंधित मुद्दों की सुनवाई प्रशासनिक स्तर पर होगी, जिससे वकीलों की रोजी रोटी सहित किसानों को न्याय मिलने की उम्मीद पर भी बुरा असर होगा। ऐसे में काउंसिल ने मोदी से पुनः विचार करने की मांग की है।
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