14 December 2020 05:09 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। वसुंधरा सरकार की बेरुखी के बाद अब मुख्यमंत्री गहलोत ने भी पटवारियों की उम्मीदें तोड़ दी है। इसी से निराश होकर पटवारी अब आंदोलन की राह का रुख कर चुके हैं। आज पटवारियों ने एक दिन का पेन डाउन रखा। इस दौरान पटवारियों ने कार्य नहीं किया। वहीं 21 दिसंबर को मौन रैली की घोषणा कर दी है। दरअसल, पटवारी एक वर्ष से कुछ मांगों की ओर शांतिपूर्ण तरीकों से सरकार का ध्यानाकर्षण करवा रहे हैं, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही। राजस्थान पटवार संघ के अनुसार 2013 में गहलोत सरकार ने अल्पवेतन वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन में सुधार किया गया था, लेकिन 2017 में वसुंधरा राजे की सरकार ने पूर्व सरकार का आदेश निरस्त कर दिया। इसके बाद पटवारियों ने गहलोत के नाम कई ज्ञापन दिए।
सोशल मीडिया, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित विभिन्न आयोजनों से सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखीं, लेकिन गहलोत सरकार ने भी पटवारियों की उम्मीदों को तोड़ दिया। पटवारियों की मांग है कि पटवारी वेतन विसंगति सुधार हेतु पूर्व में हुए समझौतों व पटवारी के कार्य की बहुआयामी राजस्व, प्रशासनिक, तकनीकी प्रगति के मद्देनज़र ग्रेड पे 3600 (पे लेवल 10) किया जाए। वहीं एसीपी योजना के तहत 9,18,27 वर्ष की सेवा अवधि के स्थान पर 7,14,21,28,32 की सेवा अवधि पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ देते हुए पदोनति पद का वेतनमान दिया जाए। इसके अतिरिक्त संगठन के साथ पूर्व में हुए सभी समझौतों व ज्ञापनों का निस्तारण किया जाए।
पटवारियों ने आज फिर मुख्यमंत्री के नाम एक उपखंड अधिकारी को सौंपा है।अब देखना यह है कि पटवारियों की समस्या पर सरकार संवेदनशील होती है या यूं ही पल्ला झाड़ लेती है।
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