31 December 2020 06:28 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। दो माह से न्याय की उम्मीद लेकर पुलिस थाने के चक्कर काट रही 75 वर्षीय वृद्धा की आखिरकार सुनवाई होनी शुरू हो गई है। बुधवार रात ख़बरमंडी न्यूज़ में ख़बर लगने के बाद पूगल पुलिस की संवेदनशीलता जगी और आज सुबह एसके फाइनेंस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। आनंदी देवी खत्री के परिवाद पर पुलिस ने मिनी बैंक एसके फिनकॉर्प लिमिटेड के खिलाफ धारा 409, 418, 420 व 120 बी भादंसं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले को न्याय की मंजिल तक पहुंचा पाती है या नहीं। बता दें कि पूगल निवासी 75 वर्षीय आनंदी देवी खत्री ने आरोप लगाया था कि एस के फिनकॉर्प लिमिटेड फाइनेंस कंपनी ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। दरअसल, आनंदी देवी के पति स्वर्गीय शिवरतन खत्री ने फरवरी 2019 में महिंद्रा एंड महिंद्रा का चौपहिया वाहन खरीदा था। 6 लाख 95 हजार कीमत के इस वाहन को एस के फाइनेंस कंपनी से फाइनेंस करवाया गया। कंपनी ने 27094 रूपए की 30 किश्तें बनाई। शिवरतन ने निर्धारित लगातार किश्तें भरी तथा किश्तों के अतिरिक्त राशि भी जमा करवाता रहा। इस तरह मई 2020 तक 18 बार में सारा भुगतान कर दिया गया।
इसके बाद अगस्त में शिवरतन की मृत्यु हो गई। शिवरतन के के संतान नहीं है। ऐसे में पीछे उनकी पत्नी आनंदी देवी अकेली रह गईं। अब गाड़ी को कोई संभालने वाला नहीं रहा। ऐसे में वृद्धा ने गाड़ी बेचने का मन बना लिया और कंपनी से गाड़ी की एन ओ सी लेने गई। एन ओ सी लेने गई वृद्धा को कंपनी ने बड़ा झटका देते हुए चार लाख रूपए ऋण बकाया बताया। कंपनी के अनुसार उन्हें अभी तक केवल 412000 रूपए ही प्राप्त हुए। जिस पर वृद्धा ने अठारह रसीदें दिखा दी, जिनके अनुसार भुगतान शत प्रतिशत हो चुका है। अब कंपनी बहानेबाजी पर उतर आई। वृद्धा के अनुसार कंपनी ने चक्कर कटवाने के बाद कहा है कि कैशियर ने पूरे पैसे जमा नहीं करवाए। जबकि सभी अठारह रसीदें प्रिंटेड है तथा कंपनी की मुहर भी लगी है।
पुलिस से मदद ना मिलने पर वृद्धा ने अधिवक्ता अनिल सोनी से राय ली। सोनी ने बताया कि ग्राहक ने पैसे जमा करवा दिए, जिसकी पक्की रसीदें भी उपलब्ध है, ऐसे में कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि वे एनओसी दें। कैशियर द्वारा गड़बड़झाला कंपनी का आंतरिक मैटर है, ऐसे में ग्राहक कंपनी से बिना किसी रोक टोक तुरंत एन ओ सी लेने का अधिकार रखता है।
इस पर जरिये अधिवक्ता पूगल थाने में परिवाद दिया गया। लेकिन कई दिनों तक साल समाप्ति का बहाना बनाती रही। बुधवार को कैशियर व पुलिस स्टाफ वृद्धा के घर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि पुलिस वृद्धा को कैशियर से चार माह बाद का चैक दिलाकर समझौता करवाने की फिराक में थी। लेकिन वृद्धा ने अधिवक्ता की अनुपस्थिति में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया।
अब देखना यह है कि पुलिस द्वारा कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके वृद्धा को न्याय दिलवाया जाता है अथवा मामले को लंबित किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी के अंदर जमा करवाई किश्तों अथवा अन्य राशि की रसीद मिलने के बाद जिम्मेदारी बैंक की होती है। ऐसे में वृद्धा को एन ओ सी देना एस के फाइनेंस की जिम्मेदारी है। लेकिन यह कंपनी पल्ला झाड़ते हुए ग्राहक को मानसिक संताप दे रही है।
उल्लेखनीय है कि जुगल किशोर मिड्ढ़ा भी वृद्धा की मदद के लिए हर मोर्चे पर साथ बने हुए हैं।
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