18 May 2021 05:34 PM
-रोशन बाफना की रिपोर्ट
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना काल में बंद हुई सामाजिक गतिविधियों ने कुछ वर्गों को ख़स्ताहाल कर दिया है। हालात यह है कि घर चलाना ही मुश्किल हो गया है। उस पर जालिम ऋण की किश्तों व विभिन्न बिलों के भार ने तनाव बढ़ा दिया है। कोरोना की पहली लहर से लेकर दूसरी लहर तक इन वर्गों ने बर्बादी का मंजर सबसे अधिक देखा है। इन वर्गों में फोटोग्राफर्स, हलवाई, नाई, कलाकार व कार टैक्सी चालक आदि शामिल है। कोरोना की वजह से विवाह, संगीत, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम करीब एक वर्ष से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यहां तक कि कोरोना के खतरे को देखते हुए विवाह समारोह भी बंद करने पड़े। अब केवल 11 की संख्या के साथ विवाह ही अनुमत है। ऐसे में इन सभी वर्गों का रोजगार पूरी तरह बंद हो गया है। पिछले सीजन से अब तक इन वर्गों का को नाममात्र का काम मिला है। अब तो घर चलाने के लिए भी इनके पास पैसे नहीं हैं। पिछले सीजन में फोटोग्राफर्स को अपने कैमरे तक बेचने पड़े। नाई समुदाय की सैलून की दुकानें बंद हो गई। विवाह में भी काम नहीं रहा। मेहमान ना होने से हलवाई का काम भी नाममात्र का ही रहा। टैंट व कार टैक्सी चालकों को भी बुकिंग मिलनी बंद हो गई। गायक कलाकारों को भी हर तरफ से निराशा मिली। विवाह, सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत होने वाले शोज से लेकर जागरण तक सभी बंद हो गए।
बता दें कि इन वर्गों में अधिकतर लोगों के पास बचत नहीं रहती है। ऐसे में घर परावार की जिम्मेदारी संभालना पहाड़ जैसा भारी हो गया है। दूसरी तरफ बिजली बिल, बैंक व प्राइवेट कंपनियों से लिए लोन की किस्तों सहित अन्य खर्चों ने ज़िंदगी में तूफान मचा रखा है।
चिंता इसलिए भी बड़ी है कि कोरोना अभी तक काबू में नहीं आया है।आगामी 2-3 माह तक स्थितियां सामान्य होती नहीं दिख रही हैं। सवाल यह है कि ये वर्ग घर कैसे चलाएंगे? किश्तें कैसे चुकाएंगे?
हम सरकार से अपील करते हैं कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए बिजली बिलों व बैंक लोन सहित विभिन्न किश्तों व ब्याज पर भी लॉक डाउन लगाए।
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