11 June 2022 04:05 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। तीर्थ करवाने की उम्र में माता पिता के साथ मारपीट कर उन्हें घर से निकालने के आरोपी श्यामसुंदर व्यास पुत्र भीखाराम व्यास को नयाशहर पुलिस ने पांच माह बाद गिरफ्तार कर लिया है। मामला नयाशहर थाना क्षेत्र के दम्माणी चौक क्षेत्र से जुड़ा है। आरोपी के खिलाफ नयाशहर थाने में तीन मुकदमें दर्ज हैं। पहला मुकदमा 13 जनवरी 2022 को उसके पिता भीखाराम ने दर्ज करवाया। आरोप लगाया कि श्यामसुंदर ने धोखाधड़ी पूर्वक उसकी सीडी डिलक्स बाईक हड़प ली। दूसरा मुकदमा 24 मार्च 2022 को उसके भाई भैरुबख्श ने दर्ज करवाया। यह मुकदमा धारा 419, 420, 468, 471 व 120 बी में दर्ज है। यह मामला क्रेडिट कार्ड से जुड़े फ्रॉड का है। वहीं तीसरा मुकदमा आरोपी की माता सुंदर देवी ने 1 अप्रेल को दर्ज करवाया। आरोप लगाया कि श्यामसुंदर ने उसके बैंक अकाउंट से धोखाधड़ी पूर्वक अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर लिए। यह पैसे एल आई सी ने गलती से सुंदर देवी के अकाउंट में क्रेडिट कर दिए थे।
आरोपी के पिता भीखाराम का आरोप है कि उसका पुत्र आपराधिक प्रवृत्ति का है। 2018 में उसने लव मैरिज की थी। वह काम धंधा नहीं कर रहा था। इस पर पिछले वर्ष जुलाई में उन्होंने उसे निकम्मा बोलते हुए कमाने के लिए बोल दिया। इस दौरान उसकी पत्नी भी सामने थी। भीखाराम के अनुसार वह तो उसे नौकरी का बोलकर बाहर चले गए। पीछे से वह अपनी माता पर आग बबूला हो गया। बोला, कि मेरी पत्नी के सामने मेरी बेइज्जती कर दी। पुत्र श्यामसुंदर ने माता सुंदर देवी के साथ मारपीट की। लातों से मारा। दोहिते की सूचना पर भीखाराम घर आया। बीच बचाव किया तो भीखाराम के साथ भी मारपीट की। इसके बाद माता पिता को घर से निकाल दिया।
भीखाराम के अनुसार वह डेढ़ माह घर से बाहर रहे। पहले अपनी बहन के यहां तथा बाद में लालीबाई पार्क के पास किराए पर रहे। डेढ़ माह बाद समाज के लोगों ने पंचायती कर वापिस घर में जगह दिलवाई। पंचायती में तय हुआ कि दोनों पार्टी ऊपर नीचे अलग अलग निवास करेगी। लेकिन समाज के लोगों के जाते ही आरोपी ने फिर से अपनी माता के साथ मारपीट की। भीखाराम के अनुसार आरोपी ने मेस्ट्रो बाइक अपने नाम से ले रखी थी, हालांकि इसके पैसे उन्होंने ही दिए थे। यह बाइक प्राप्त करने लिए पुत्र ने पुलिस की मदद ली थी। पुलिस ने यह बाइक उसे दिलवाई थी। इसके बाद उन्होंने भी कानून की शरण ली।
बता दें कि तीनों ही मुकदमें दर्ज करवाने के लिए पीड़ितों को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी थी। तीनों मुकदमें कोर्ट इस्तगासे पर दर्ज हुए। उसके बाद पांच माह तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई। भीखाराम ने आईजी ओमप्रकाश पासवान के समक्ष गुहार लगाई उसके बाद पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर लाई। पुलिस ने आरोपी को अभी एक मुकदमें में गिरफ्तार किया है। वहीं दो मुकदमों में गिरफ्तारी शेष है।
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