16 March 2020 12:57 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। राजस्थान का गृह विभाग पुलिस व सुरक्षा से जुड़े अधिनस्थ विभागों के कार्मिकों द्वारा न्यायालय में प्रकरण ले जाने से नाराज़ हैं। कार्मिकों द्वारा सेवा संबंधी मामलों में अपनी पीड़ा सीधे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। जबकि राजस्थान सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1971 के नियम 29 में सक्षम न्यायालय की शरण जाने के भी प्रावधान हैं। नियम के अनुसार किसी भी व्यथित कार्मिक द्वारा सेवा संबंधी प्रकरणों के बारे में अपनी समस्या या परिवेदना सबसे पहले अपने नियोक्ता अधिकारी के समक्ष रखी जानी चाहिए। यहां से संतोषजनक समाधान अथवा निर्णय न मिलने पर सक्षम अपीलीय अधिकारी को अपील की जानी चाहिए। यहां से भी संतुष्टि ना मिले तब सक्षम न्यायालय की शरण में जा सकते हैं। राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा व राजस्थान पुलिस सेवा के सभी कार्मिकों को इस नियम की पालना करनी होगी। बीकानेर संभाग आईजी जोस मोहन ने बताया कि गृह विभाग ने पूरे राज्य के पुलिस कार्मिकों से इस नियम की पालना करवाने हेतु निर्देशित करवाया है। उल्लेखनीय है कि इस नियम की पालना हेतु सभी कार्मिक बाध्य है।
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