10 May 2021 10:12 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना ने ये हालात पैदा कर दिए हैं कि घरों से बाहर निकलना ही खतरनाक हो गया है। पुलिस दिन रात ड्यूटी कर रही है। तो आमजन भी घर में रहकर कोरोना की चेन तोड़ने में मदद कर रहा है। एक तरफ काम धंधे बंद हैं, दूसरी तरफ कोरोना का भय है। आमजन भी मानसिक तौर पर आहत है। इस बीच मेडिकल इमरजेंसी में मजबूरीवश बाहर निकलने वाले लोगों के साथ कुछ पुलिसकर्मियों का रवैया ठीक नहीं है। आमजन इससे काफी परेशान हो रहा है। हाल ही में तीन केस हमारे सामने आए हैं जब पुलिस ने पीबीएम अस्पताल जाने वाले व्यक्तियों से अभद्रता की, गलत चालान काटे व जाने से भी रोक दिया। चार दिन पूर्व एक व्यक्ति पीबीएम में भर्ती अपनी भाभी को टिफिन व दवा देने के लिए घर से निकला। वह रानी बाज़ार पशु चिकित्सालय तक टैक्सी में गया। आगे वह पैदल ही चल पड़ा। रानी बाज़ार चौराहे पर पुलिस ने उसे रोक लिया। इस बीच एक पुलिसकर्मी ने इस 60 वर्षीय व्यक्ति से गाली गलौच की। दुर्व्यवहार के साथ साथ मास्क का चालान भी कर दिया। जबकि पीड़ित ने मास्क पहन रखा था। पीड़ित ने एसपी ऑफिस में शिकायत भी दी बताते हैं।
इसी तरह आज एक व्यक्ति मुरलीधर से पीबीएम जाने के लिए निकला। तीन स्थानों पर पुलिसकर्मियों ने उससे सवाल किए व मजबूरी समझकर जाने दिया। लेकिन चौथी जगह खड़े पुलिसकर्मियों ने उसकी एक ना सुनी और उसे घर लौटना पड़ा। इस पर उसने पवनपुरी निवासी अपने मित्र को पीबीएम पहुंचने को कहा। पवनपुरी निवासी घर से पीबीएम के लिए निकला तो पुलिस ने रोका। पास मांगा तो मोबाइल में पास दिखाया। पुलिस ने मोबाइल पास को ना मानने की बात कहते हुए उसे घर लौटने को कह दिया। जिस मरीज़ को संभालने जाना था वह मेडिकल आईसीयू में भर्ती है। मरीज़ के पुत्र ने कुछ देर उसके पिता के पास बैठने हेतु उन्हें बुलाया था। लेकिन दोनों ही वहां पहुंच ना सके।
पुलिस को चाहिए था कि व्यक्ति की मजबूरी समझकर उसे जाने देती।
कुछ पुलिसकर्मियों के इस रवैये से परिस्थितियों से परेशान आम जन अधिक परेशान हो रहा है। ऐसे में पुलिस-प्रशासन को चाहिए कि वे ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को आमजन से अच्छे व्यवहार के लिए पाबंद करे। वहीं मेडिकल अथवा अन्य विशेष परिस्थितियों में संबंधित व्यक्ति की बात अच्छे से सुनकर उसे जाने दे। जबकि हकीकत यह है कि सुबह 6 से 11 बजे तक होने वाली भीड़ का मैनेजमेंट अब भी कुछ खास नहीं हो पाया है। जो बाजार खुले हैं वहां भीड़ होती है, लोग संक्रमित भी होते हैं।
उल्लेखनीय है कि कोविड की मार से आमजन भी तनाव में है, ऐसे में गलत व्यवहार व चालान पुलिस की छवि खराब करता है।
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