20 October 2022 12:00 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। जमीनी हकीकत यह है कि नये भारत के गांव क्या शहर भी अब तक अंधेरे में डूबे हुए हैं। ऐसा ही हाल स्मार्ट सिटी बीकानेर का है। उपनगर गंगाशहर की चोपड़ा स्कूल के पास दो गलियां लंबे समय से अंधेरे में डूबी है। यहां एक तरफ चोपड़ा स्कूल की दीवार है, दूसरी तरफ लोगों के निवास हैं। स्थानीय निवासी हेमराज गुलगुलिया का कहना है कि अंधेरे का फायदा उठाकर नशेड़ी यहां शराब सहित अलग अलग तरह का नशा करने बैठ जाते हैं। हुड़दंग मचाते हैं। विरोध करने पर गाली गलोच कर चले जाते हैं। देर रात वापिस लौटकर घरों में शराब की खाली बोतलें फेंक जाते हैं।
समस्त संबंधित विभागों को समस्या से कई बार अवगत करवाया जा चुका है मगर समाधान अब भी जीरो है। स्थानीय नेताओं के पास भी देने को सिर्फ झांसा ही बचा है। कोई कहता है निगम लाइट लगाएगा तो कोई यूआईटी को जिम्मेदार ठहराता है। हालांकि निगम व यूआईटी दोनों ही अपनी मस्ती में मस्त हैं।
दीपावली का त्योंहार नजदीक है। शहर के मुख्य इलाके ही अगर अंधेरे में डूबे हैं तो अंदरूनी व दूर दराज के इलाकों में तो रोशनी की उम्मीद ही बेमानी है।
उल्लेखनीय है कि दीपावली पर शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है मगर आज भी इसी शहर की गलियों में अंधेरे का साम्राज्य पसरा रहता है। उपनगर गंगाशहर की ऐसी बहुत सी गलियां हैं जहां कहीं लाइटें बंद है तो कहीं लाइटें है ही नहीं। नोखा रोड़ पर भी सांझ ढलने के बाद कुछ घंटों तक अंधेरा पसरा रहता है। अब देखना यह है कि नाकारा सिस्टम दीपावली से पहले इन गलियों को रोशन करता है या नहीं।
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