30 March 2024 02:05 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। सार्वजनिक परिवहन साधनों में मांसाहारी भोजन की उपलब्धता लंबे समय से शाकाहारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है। शुद्ध शाकाहारी यात्रियों का यह दर्द सुना और समझा ही नहीं जा रहा है। हवाई यात्रा के दौरान भी हर रोज सैकड़ों शुद्ध शाकाहारी यात्रियों को प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। उनकी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। ऐसी ही प्रताड़ना पिछले दिनों गंगाशहर निवासी समाजसेवी चंपालाल डागा व उनके परिवार को भी झेलनी पड़ी। डागा ने शाकाहारियों के इस दर्द के लिए आवाज़ उठाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हवाईजहाज में मांसाहार बंद करने की अपील की है। डागा ने यह पत्र आचार्य श्री नानेश रोटरी चिकित्सालय के मार्फत लिखा है।
डागा ने लिखा है कि 4 मार्च को वे अपने परिवार के साथ हैदराबाद से दिल्ली के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट में बैठे थे। फ्लाइट नंबर AI541 में सीट नंबर 21डी उनके नाम से आरक्षित थी। कुछ मिनट बाद उन्हें जब जलपान की सुविधा मुहैया करवाई गई, उसी वक्त पास वाली सीट पर बैठे यात्री को नॉनवेज परोसा गया। डागा के अनुसार उनके पास में एक शुद्ध शाकाहारी सनातनी महात्मा भी बैठे थे। मांसाहार की वजह से दोनों की धार्मिक भावनाएं लगातार आहत होती रहीं। सीटें भी फुल थी, इस वजह से सीट बदलने का विकल्प भी शेष नहीं था। डागा के अनुसार उन्हें इस घटना ने काफी आहत किया। वह जैन हैं और उनके लिए नॉनवेज हिंसा का प्रतीक है।
डागा ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है कि आप स्वयं शुद्ध शाकाहारी हैं। आपने राष्ट्रपति भवन में भी शाकाहारी अनिवार्य किया है। ऐसे में आपको भारत की सभी हवाई सेवाओं में मांसाहार प्रतिबंधित करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अधिकतर हवाई यात्रा करने वालों में जैन, अग्रवाल, माहेश्वरी सहित समस्त वैश्य व शुद्ध शाकाहारी समाज शामिल हैं। दूसरी ओर मांसाहार सभी भारतियों का खान-पान नहीं है। ऐसे सार्वजनिक स्थलों पर मांसाहार प्रतिबंधित ही किया जाना चाहिए। एक मांसाहारी तो शाकाहारी भोजन करता है मगर एक शाकाहारी कभी भी मांसाहारी भोजन ग्रहण नहीं करता। ऐसे में हवाई यात्रा सहित कई ट्रेनों आदि में हर दिन हजारों शाकाहारियों की धार्मिक भावनाएं आहत होती है।
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