28 December 2021 08:25 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (रोशन बाफना की रिपोर्ट) बार बार चेताने व एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बावजूद हमारा सिस्टम ओवरलोड वाहनों को रोकने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। शहर से लेकर गांव व हाईवे पर रोज बड़ी संख्या में ओवरलोड ट्रक व बोलेरो आदि वाहन धड़ल्ले से गुजरते हैं। आज भी रानी बाज़ार से अंबेडकर सर्किल की ओर एक ओवरलोड बोलेरो धड़ल्ले से निकली। ये ओवरलोड बोलेरो बिना नंबरी भी थी। बावजूद इसके बेखौफ गुजरी। इसी तरह एक ओवरलोड ट्रक जैसलमेर रोड़ के पुल से गुजरा। न जाने कितने वाहन इसके पास से गुजरे होंगे। अगर यह ओवरलोड ट्रक पलट जाता तो एक साथ तीन चार कारों व उनमें बैठे सवारों की पपड़ी बनाने में सक्षम था।
ये बात केवल आज और केवल इस सड़क की नहीं है। बीकानेर में सालों से ऐसा ही चला आ रहा है। करीब एक साल पहले ख़बरमंडी न्यूज़ ने जैसलमेर हाइवे से गुजर रहे ओवरलोड ट्रक की वीडियोमय ख़बर प्रकाशित की थी। पुलिस व प्रशासन को आगाह करने के बावजूद कोई अलर्ट नहीं हुआ। इस बीच कई बार इस तरह की ख़बरों से चेताया मगर पुलिस प्रशासन नहीं जागा। इसी के परिणाम स्वरूप 25 दिसंबर को महाजन के पास दिल दहला देने वाली घटना हुई। महाजन के पास ग्रीट से भरा ओवरलोड ट्रक सड़क पर चल रहे ऊंटगाड़े पर जा पलटा। ऊंटगाड़े पर सवार लूणकरणसर के रानीसर का बेकसूर परिवार तबाह हो गया। एक दंपति व उनकी एक बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं छोटी बेटी अभी भी पीबीएम में भर्ती है। मात्र पांच वर्ष की उस नन्हीं जान ने अपने माता पिता व बड़ी बहन को खो दिया। मगर इस विध्वंस की जिम्मेदारी कौन लेगा ?
सच तो यह है कि हेलमेट व सीटबेल्ट के चालान काटकर टारगेट पूरे करने में दिलचस्पी रखने वाली पुलिस गंभीर समस्याओं को मिटाने के बहाने बनाती नजर आती है। शहर व गांव की सड़कों से लेकर हाइवे पर रोज ओवरलोड वाहन गुजरते हैं, जिन्हें देखकर भी अनदेखा कर दिया जाता है। बिना नंबरी वाहनों को भी पुलिस परेशान नहीं करती। हाल ही में जयपुर रोड़ नाके से ऐसे ही वाहन के धड़ल्ले से गुजरने की ख़बर भी हमने प्रकाशित की थी। सड़कों पर लोहे के सरिये वाहनों से 6-6 फीट तक बाहर निकले होते हैं। दिन ही नहीं रात को भी इसी तरह सरिये ढ़ोए जाते हैं। बोलेरो कैंपर, मैजिक, लोड बॉडी, रोडवेज व प्राइवेट बसें हर रोज सड़कों पर तेज गति में लहराती हुई चलती है। कुचलने को आतुर बसों के सामने छोटे वाहनों को दुबकना पड़ता है। मगर पुलिस इस तरह की गंभीर समस्याओं पर ध्यान ही नहीं देती। जबकि इस तरह से दूसरों की जान खतरे में डालने वाले वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हमारा सिस्टम सिर्फ टारगेट के आंकड़ों में उलझ कर रह गया है। सरकारें भी इस ओर विशेष ध्यान नहीं देती। अगर सिस्टम नहीं सुधरा तो ये ओवरलोड वाहन, ये तेज रफ्तार में लहराते वाहन, ये सरिये ढ़ोते वाहन फिर किसी की जान ले लेंगे। फिर कोई परिवार तबाह कर देंगे। हम आपके साथ तीन वीडियो साझा कर रहे हैं, ये वीडियो देखकर समझा जा सकता है कि तीन मौतों के बाद सिस्टम संवेदनशील नहीं हो पाया है। देखें वीडियो
RELATED ARTICLES
21 April 2024 07:27 PM
19 October 2021 12:11 AM