24 December 2021 09:35 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर।(रोशन बाफना की रिपोर्ट) पीबीएम अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही व नर्सिंग अधीक्षक हरिराम का विवाद अब पीबीएम का हॉट मुद्दा बन गया है। हालात यह है कि शिकायतें तीनों मंत्रियों तक पहुंच गई है। आरोप है कि नर्सिंग अधीक्षक नाजायज ट्रांसफर व डिमोशन करने में लगे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो नर्सिंग अधीक्षक अपने पद के दायित्व भी भूल चुके हैं। वे पीबीएम अधीक्षक के आदेशों की पालना नहीं कर रहे। पीबीएम अधीक्षक के आदेशों के अतिक्रमण में नये आदेश भी निकाल रहे हैं। वे पीबीएम अधीक्षक के नजदीक रहने वालों के ट्रान्सफर से लेकर उन्हें प्रभार मुक्त तक कर देते हैं। नर्सिंग अधीक्षक के इस दुस्साहस के पीछे मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल की शह बताई जा रही है। हाल ही में कंट्रोल रूम में हुए दिनकर-नर्स विवाद के बाद अधीक्षक ने दिनकर का ट्रांसफर कर दिया था। बाद में प्रिंसिपल ने अधीक्षक को सूचित किए बगैर ही दिनकर की पूर्व पद पर वापसी कर दी। इसके बाद से हरिराम व दिनकर के हौसले सातवें आसमान पर है। प्रिंसिपल इस पूरे मसले में दबाव में दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि वे हर बात पर डॉ सिरोही की बजाय नर्सिंग अधीक्षक व दिनकर का पक्ष लेते दिख रहे हैं।
इस पूरे विवाद के पीछे कुर्सी प्रेम की कहानी है। सूत्रों के मुताबिक हरिराम काफी समय से नर्सिंग अधीक्षक बनना चाह रहे थे। डॉ परमेंद्र सिरोही ने जैसे ही पीबीएम अधीक्षक की कुर्सी संभाली, हरिराम ने अधीक्षक से स्वयं के लिए सिफारिश की। कई प्रकार से दबाव भी डलवाया। लेकिन सिरोही ने हरिराम को नर्सिंग अधीक्षक नहीं बनाया। वजह, सीनियरिटी के अनुसार हरिराम से ऊपर भी 40-50 लोग थे। ऐसे में हरिराम ने जयपुर से अपने पक्ष में दबाव डलवाया। लेकिन सिरोही ने न्यायसंगत आदेश देते हुए इच्छुक सीनियर कार्मिकों में से ही नर्सिंग अधीक्षक चुना। इस पर हरिराम ने जयपुर से आदेश करवा लिया। इसी बात को लेकर हरिराम अब अपने अधिकारी के आदेशों की पालना नहीं कर रहे। हालांकि अधीक्षक के पास कार्रवाई के अधिकार भी है। सूत्रों के अनुसार सिरोही इस मामले में प्रिंसिपल से लेकर मंत्री बीडी कल्ला, मंत्री भंवरसिंह भाटी व मंत्री गोविंद राम मेघवाल से भी शिकायत कर चुके हैं। प्रिंसिपल स्वयं किसी दबाव में लग रहे हैं। बहरहाल, प्रिंसिपल स्वयं भी हरिराम की तरह ही अपने से बीसों वरिष्ठों को पछाड़कर प्रिंसिपल लगे हैं। वरिष्ठता के हक का पद ना मिलने से दोनों से काफी वरिष्ठ नर्सिंग व डॉक्टर नाराज भी हैं। वहीं भंवरसिंह भाटी अपने नजदीकी लोगों को ही नहीं बचा पा रहे। सूत्रों की मानें तो हरिराम ने भाटी के कई सारे लोगों को परेशान किया है।
फिलहाल पीबीएम में मामला काफी गरम है। पीबीएम अधीक्षक के काम से संतुष्ट नर्सिंग कर्मियों की एक बड़ी लॉबी नर्सिंग अधीक्षक के निशाने पर हैं। सूत्रों का कहना है कि हरिराम वही करते हैं जो दिनकर कहता है। जबकि पीबीएम अधीक्षक के आदेशों की पालना में हरिराम ने अब तक कंट्रोल रूम तक शिफ्ट नहीं किया, वजह कंट्रोल रूम में दिनकर का बोलबाला है। ऐसे में सवाल यह है कि पीबीएम जैसे संभाग के सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्थाएं कैसे सुधरेंगी।
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