21 February 2021 04:57 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। खाकी की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी बीकानेर के डाकघर व ग्रामीण बैंक में लाखों रूपयों की लूट व फायरिंग की वारदात से बीकानेर पुलिस ने आखिरकार पर्दा उठा दिया है। पुलिस ने दो बदमाशों को बापर्दा गिरफ्तार किया है। वहीं गैंग के तीसरे बदमाश को भी नामजद कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुक्ताप्रसाद सेक्टर 2 निवासी 21 वर्षीय धीरज उर्फ धर्मप्रीतसिंह पुत्र जसवंत सिंह मजबीसिख व सर्वोदय बस्ती निवासी 20 वर्षीय धीरज पुत्र नरसिंह मेघवाल के रूप में हुई है।
दरअसल, बीकानेर में चार माह के अंदर लूट की दो बड़ी वारदातें हुईं। पहली वारदात 19 सितंबर 2020 को मुख्य डाकघर में हुई। 19 सितंबर सुबह पौने ग्यारह बजे हथियारबंद दो बदमाश डाकघर में घुसे। एक बदमाश के हाथ में पिस्टल थी, जिसने अंदर घुसते ही फायरिंग कर डाली। इसके बाद कर्मचारी को बंदूक की नोक पर लेकर तीन लाख रूपए लूटे। पुलिस ने चारों ओर नाकाबंदी की मगर हाथ कुछ नहीं लगा। इसी दिन उप डाकपाल रविकुमार की रिपोर्ट पर धारा 394, 342, 34 आईपीसी व 27 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस इस वारदात से पर्दा उठाने में सफल नहीं हुई थी कि इसी बीच घटना के करीब तीन माह बाद 4 जनवरी 2021 को मरुधरा ग्रामीण बैंक में फिर डाका पड़ा। इस बार दस लाख रूपए लूटे गए। बैंक मैनेजर पर फायरिंग हुई, गनीमत रही कि गोली कान को छूकर निकल गई। दोनों वारदातों को ट्रेस करने हेतु आईजी प्रफुल्ल कुमार के निर्देशन, एसपी प्रीति चंद्रा के सुपरविजन व एएसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया के नेतृत्व में सीओ सुभाष शर्मा ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसपी प्रीति ने बीकानेर शहर के बेहतरीन पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का चयन कर एएसपी शैलेन्द्र सिंह के निकट सुपरविजन में टीमों का गठन किया। इसके तहत सीओ सुभाष शर्मा, आरपीएस दीपचंद सहारण, नयाशहर थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण, बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा, मुक्ता प्रसाद चौकी प्रभारी उनि सुरेंद्र बारुपाल, डीएसटी उनि महेंद्र मीणा, एएसआई रामकरण सिंह, एचसी कानदान, एचसी महावीर सिंह, एचसी दीपक यादव, एचसी अब्दुल सत्तार, कानि वासुदेव, लखविंद्र सिंह, योगेंद्र सिंह, दलीपसिंह, डीआर पूनमचंद व एचसी ओमप्रकाश राड की अलग अलग टीमों का गठन कर सीसीटीवी, तकनीकी व फील्ड आसूचना संकलित की गई।
टीमों ने दोनों घटना स्थलों के आसपास व दूर गलियों में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इसके अतिरिक्त टोल नाकों, हाइवे आदि से फुटेज लिए गए। टीमों ने घटनास्थलों के आस पास आए नये किरायेदारों, होटलों व धर्मशालाओं में ठहरने वालों की तहकीकात की। इसके अतिरिक्त बीकानेर व आसपास के जिलों में लूट की वारदात करने वाले अपराधियों के रिकॉर्ड खंगाले गए। एक टीम जेल में बंद व जमानत अथवा सजा पूरी कर बाहर आए कैदियों की रैली भी की। तहकीकात में सामने आया कि वारदात करने वाले बदमाश स्थानीय निवासी ही हैं, इस पर उनकी तलाश कर उन्हें दबोच लिया गया।
बताया जा रहा है कि आरोपी वारदातों के साथ दिल्ली सहित कई शहरों में छिपे थे। गैंग का मास्टर माइंड धीरज उर्फ धर्मप्रीतसिंह है। आरोपी ने नयाशहर थाना क्षेत्र में 2018 व 2019 में पांच वारदातें की हैं। आर्म्स एक्ट, स्नेचिंग व मारपीट की इन पांचों वारदातों में आरोपी का चालान हो रखा है, तथा मामला कोर्ट में अंडर ट्रायल है। वहीं इन दोनों वारदातों में भी आरोपी के खिलाफ चालान होना तय है। बताया जा रहा है कि धर्मप्रीतसिंह ने लव मैरिज कर रखी है। वहीं दूसरे आरोपी धीरज मेघवाल का इससे पहले कोई रिकॉर्ड नहीं है। धीरज मेघवाल डाकघर वाली वारदात में शामिल था। वहीं धर्मप्रीत व एक अन्य साथी दोनों में शामिल थे।
ये गैंग इतना खतरनाक है कि पूर्व नियोजित तरीके से लूट के लिए एंट्री करते ही सबसे पहले फायरिंग कर दहशत फैलाते हैं ताकि लोग उनसे डर जाए। वहीं वारदात से पहले सारे कपड़े नये पहनते हैं। ये नये कपड़े, गमच्छा व टोपी खरीदकर लाते हैं। वारदात के बाद सूनसान जगह पर हुलिया बदलकर पहने कपड़े वहीं फेंक जाते हैं। लूटे गए पैसे मौज मस्ती में उड़ाते हैं।
उल्लेखनीय है कि पुलिस टीम ने इस तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके बजरंग मंगलाव, जीतू माली, अशोक विश्नोई, शिवसिंह भलूरी, भागीरथ डूडी, विक्रम विश्नोई, भवानी सिंह, श्रवण मेघवाल, हनुमान जाट, विमल मोयल, अमित मिश्रा, बजरंग विश्नोई, सुभाष विश्नोई, श्यामा विश्नोई, प्रेमरतन उर्फ ढ़कणिया, अजरूद्दीन उर्फ अजहर व धर्मचंद सोनी से पूछताछ की।
वारदात को ट्रेस आउट करने में साईबर सैल के दीपक यादव, एचसी महावीर सिंह व कानि योगेंद्र धवल का विशेष योगदान रहा।
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