31 July 2020 02:48 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। विधानसभा सत्र की तारीख तय होते ही राजस्थान की सियासत में हलचल बढ़ गई। गुरूवार को राज्यपाल ने 14 अगस्त से सत्र आहूत करने की अनुमति दे दी। इसी दौरान एक टीवी चैनल ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी व गहलोत के पुत्र वैभव की बातचीत का ऑडियो जारी कर दिया। इस ऑडियो ने गहलोत खेमे में सरकार गिरने के डर व आंकड़े को उजागर कर दिया। इन दोनों घटनाओं के बाद रात को विधायकों की शिफ्टिंग का फैसला ले लिया गया। सूत्रों की मानें तो जयपुर की बाड़ेबंदी अब महफूज नहीं लग रही थी, इसलिए बदलाव की जरूरत महसूस हुई। चर्चा के बाद बाड़ेबंदी का डेस्टिनेशन जैसलमेर तय किया गया। सूत्रों की मानें तो जैसलमेर तय करने की पीछे भी रणनीति है। जैसलमेर गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली व हरियाणा से दूर पड़ता है। इनमें से गुजरात, हरियाणा व दिल्ली से जैसलमेर पहुंचने में 10 से 12 घंटे लगते हैं, वहीं मध्यप्रदेश से यहां पहुंचने के लिए करीब 20-22 घंटे का सफर तय करना पड़ता है। सड़क मार्ग की इस दूरी की वजह से जैसलमेर ही बाड़ेबंदी के लिए सबसे सुरक्षित स्थान लगा। वहीं राजस्थान से बाहर की डेस्टिनेशन इसलिए तय नहीं की गई, क्योंकि वहां पुलिस व प्रशासन का सहयोग इस कदर नहीं मिल पाता। माना जा रहा है कि सियासत बदलने के पीछे चल रहे इस पूरे खेल में दिल्ली व इन तीन राज्यों का कनेक्शन है। बहरहाल, 14 अगस्त अभी दूर है, इस बीच विधायकों के इधर उधर होने के डर ने बेचैनी बढ़ा रखी है। हालांकि राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठता है ये कहा नहीं जा सकता, लेकिन सारे परिदृश्य को देखें तो पता चलता है कि सरकार अब भी खतरे में है।
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