13 January 2024 03:06 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) बीकानेर में आत्महत्या के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे। बीकानेर में लगभग हर एक दिन कोई ना कोई सुसाइड कर रहा है। यहां तक कि पुलिसकर्मी भी आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं। पिछले एक माह में दो पुलिसकर्मियों ने सुसाइड की। वहीं शुक्रवार को एक बालिका ने मौत को गले लगा लिया। मुक्ताप्रसाद नगर, सेक्टर 15 निवासी खुश्बू पुत्री घनश्याम राजपूत ने शुक्रवार दोपहर फांसी लगाकर ईहलीला समाप्त कर ली। पुलिस के अनुसार आत्महत्या के स्पष्ट कारण सामने नहीं आए हैं। 17 वर्षीय खुश्बू पढ़ाई नहीं करती थी। पिता भी बेरोजगार बताए जा रहे हैं। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है।
उल्लेखनीय है कि आत्महत्या के मामलों में कमी लाने हेतु समाज व सिस्टम दोनों की तरफ से ही कोई विशेष काम नहीं किया जा रहा। हालांकि पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के पीछे अधिकतर दो ही कारण होते हैं। पहल- आर्थिक परेशानी व दूसरा प्रेम संबंध। एक माह पूर्व मुक्ताप्रसाद चौकी के कांस्टेबल आसुदास ने सुसाइड की थी, उसका कारण आर्थिक परेशानी था। पुलिस के अनुसार आसुदास सट्टे के चंगुल में फंस गया था, इसी वजह से वह कर्ज के बोझ से दब गया। कुछ दिनों पहले एक पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली थी। सोनी परिवार सुसाइड केस ने हर किसी को स्तब्ध किया लेकिन जागृति फिर भी नहीं आई। हमने आत्महत्या के कारणों की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आत्महत्या के पीछे सट्टा, कर्ज, नशाखोरी, प्रेम तथा अवैध संबंध सबसे बड़े कारण है। सट्टा, कर्ज व नशाखोरी का आपस में गहरा संबंध है। कोई सट्टा करके बड़े ब्याज पर कर्ज ले रहा है। तो कोई अन्य कारणों से मगर मौत का ब्याज माफिया के चंगुल में फंसने के बाद कुछ बाकी नहीं रहता। एक बार जो युवक कर्जदार हुआ तो उसके अपराधी बनने में देर नहीं लगती। वह कर्जा चुकाने के चक्कर में कर्ज लेता जाता है। यही कर्जदार युवक हथियार तस्कर, नशा तस्कर, हत्यारे, चोर, डकैत, लुटेरे, जालसाज आदि बनते हैं।
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