27 November 2021 03:09 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर।(रोशन बाफना)- सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास इस दुनिया में सबसे बड़ी शक्तियां हैं। जिस इंसान में यह दोनों शक्तियां(गुण) नहीं वह सारी शक्तियां होने के बावजूद कुछ नहीं कर पाता। वहीं सकारात्मक सोच व आत्मविश्वास जिसमें है, वह हर अभाव व समस्या के बावजूद न सिर्फ बड़ा मुकाम पाता है, बल्कि हर टूटे हुए, हर भटके हुए और हर कमजोर इंसान के लिए प्रेरणादाई ऊर्जा पुंज बनता है। ऐसी ही सकारात्मक सोच व आत्मविश्वास के कारण बाड़मेर जिले के बालोतरा की पायल श्रीश्रीमाल समस्याओं से हारे लोगों के लिए आदर्श बन रही है। पायल के व्यक्तित्व को देखकर हर किसी में कुछ बड़ा कर गुजरने के भाव पैदा होते हैं। मात्र सात साल की उम्र में डॉक्टरों ने पायल में मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी की बीमारी होना बताया। मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी मांसपेशियों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें मांसपेशियां कमजोर होती चली जाती हैं। यह रेयर व लाइलाज बीमारी सवा तीन लाख लोगों में से किसी एक को होती है। परिजनों ने पायल को बालोतरा व मुंबई से लेकर देश के हर बड़े डॉक्टर को दिखाया। मुंबई के डॉक्टर का कहना था कि उसके 25 साल के कैरियर में ऐसा पहला केस उसके पास आया है। परिजनों के तब होश ठिकाने ना रहे जब डॉक्टरों ने कहा कि मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित बच्चे 20 वर्ष से अधिक नहीं जी पाते। परिजनों ने इलाज करवाना जारी रखा, जो आज भी चल रहा है। धीरे धीरे पायल व्हील चेयर अपनाने को मजबूर हो गई। मांसपेशियों में बढ़ती जकड़न और बढ़ते दर्द के साथ उम्र भी आगे बढ़ रही थी। लेकिन एक लाइलाज बीमारी से ग्रसित इस बच्ची में दर्द और उम्र के साथ सपने और सपनों को पूरा करने के हौसले भी बड़े हो रहे थे। बचपन से ही पेंटिंग के प्रति लगाव रखने वाली पायल हर दिन कुछ ना कुछ उकेर रही थी, हर दिन उन उकेरी हुई आकृतियों में सपनों के रंग भर रही थी। किसी ने नहीं सोचा था कि पायल कभी इतना बड़ा काम कर पाएगी। 20 वर्ष की डेडलाइन तक आते आते पेंटिंग पायल में ठीक उसी तरह मिल चुकी थी, जैसे पानी में पानी मिल जाया करता है।
पायल के आत्मविश्वास व सकारात्मक सोच का ही ये चमत्कार है कि उम्र को लेकर किए गए सभी दावों व कयासों को तोड़कर पायल 36 की उम्र पर पहुंच चुकी है। 17 साल तक सिखाने का अनुभव लेने के साथ साथ पांच सौ से अधिक पेंटिंग्स बनाकर हर किसी को चौंका दिया है। पायल ऑयल पेंटिंग से लेकर एक्रीलिक, वॉटर कलर, चारकॉल, पेंसिल, पेस्टल्स, ग्लास पेंटिंग्स, फैब्रिक व कॉफी पेंटिंग बनाना जानती है। जयपुर, बैंगलोर व जोधपुर में उसकी पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लग चुकी है। इसके अलावा बाड़मेर सहित अन्य स्थानों की प्रदर्शनियों में भी उसकी पेंटिंग्स को जगह मिली। पायल की 'परसेप्शन' नाम की पेंटिंग काफी चर्चित रही है। परसेप्शन एक ऐसी पेंटिंग है जिसमें पायल व्हील चेयर पर बैठी है और उसे देखने वाले के सिर के ऊपर व्हील चेयर है। पायल के अनुसार यह पेंटिंग उन लोगों के लिए है जो आपकी व्हील चेयर देखकर आपको जज करते हैं। जो व्हील चेयर देखकर आपको दया का पात्र समझने लगते हैं। ऐसे लोगों के लिए पायल कहती हैं कि आप मुझे व्हील चेयर पर देखते हो और मैं आप पर एक व्हील चेयर देखती हूं।
उसका कहना है कि 'डिसएबिलिटी इज जस्ट मैटर ऑफ परसेप्शन'।परसेप्शन पेंटिंग पायल की सकारात्मक सोच व आत्मविश्वास को साफ दर्शाती है। पायल कहती है कि वो डिसएबिलिटी के खिलाफ मुहीम चलाना चाहती है। उसका सपना है कि उसकी पेंटिंग्स वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित हो। इंडियन, राजस्थानी, वुमन व डिसएबिलिटी जैसे विषयों पर पेंटिंग्स बनाना पसंद करने वाली यह उत्साही कलाकार हर उस शख्स के लिए प्रेरणा है, जो दिखने वाली कमी के सामने अंदर की ताकत भूल जाता है। पायल का मानना है कि डिसएबिलिटी जैसा कुछ नहीं होता है।
बता दें कि पायल ने पेंटिंग की दुनिया में रंग भरने के अलावा भी कई मुकाम हासिल किए हैं। 2014 में हुए मिस वील चेयर इंडिया में हिस्सा लेकर मिस ब्यूटीफुल हेयर का खिताब जीता। तो वहीं 2020 में कैंसर मरीजों के लिए अपने बाल भी दान किए। इसी तरह मेंहदी, नेल आर्ट, पार्चमिंट क्राफ्ट व टैटू बनाने में भी माहिर है।
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