11 November 2020 10:19 PM
-रोशन बाफना
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। दीपावली आते ही शहर में जुए की रंगत दिखने लगी है। हालांकि पासों व घोड़ी पर लगने वाले दांव की ये शुरुआत अभी तक घरों में ही हुई है। लेकिन छोटी दीपावली से यह जुआ गली, मोहल्लों, चौक व पाटों तक पहुंच जाएगा, जो भैया दूज के बाद तक चलेगा। सूत्रों का दावा है कि वर्षों से चले आ रहे इस जुए को पुलिस व प्रशासन रोक ही नहीं पाता। हालांकि पुलिस व प्रशासन की इस नाकामी में राजनीति बड़ा कारण मानी जाती है तो शहरी सभ्यता में जुए की सामाजिक आजादी भी दोषी है। बताया जाता है कि पिछली दीपावली भी पुलिस ने इस जुए को रोकने के बहुत प्रयास किए, लेकिन नाकाम रही। पुलिस जुआ रुकवाती, लेकिन गाड़ी निकलते ही खेल फिर शुरू हो जाता। शहरी परकोटे के भीतरी क्षेत्र में चलने वाले इस जुए में सैकड़ों-हज़ारों की भीड़ रहती है। शहर के बारहगुवाड़, नत्थूसर गेट, डागा चौक, बिस्सा चौक, बिन्नाणी चौक, मोहता चौक आदि इलाकों में भारी संख्या में जुआरी मंडराते दिखते हैं।
पुलिस भी इसे रोकने में इसलिए बेबस है कि जितना पुलिस के पास जाब्ता नहीं होता उससे कई गुना अधिक जुआरी तो एक एक स्पॉट पर होते हैं। हालांकि दीपावली पर जुआ सदा से होता आया है व पूरे बीकानेर में ही यह चलता है। लेकिन परकोटे के भीतर कानून नहीं चलते। दीपावली पर चलने वाला जुआ इस बार बड़ी चिंता का कारण है। वजह, कोरोना काल है। इस बार दीपावली के त्योंहार पर कोरोना की काली छाया मंडरा रही है। ऐसे में यह जुआ सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाएगा। सैकडों-हज़ारों जुआरियों की भीड़ कोरोना संक्रमण को अनियंत्रित कर सकती है। सवाल यह है कि कोरोना को कुछ ना समझकर बचाव नियमों की धज्जियां उड़ाने वाला शहर दीपावली पर किस तरह समझेगा। बता दें कि बीकानेर जिले का सबसे बड़ा कोरोना हॉट स्पॉट परकोटे का भीतरी शहर ही रहा है। ऐसे में देखना यह है कि इस बार शहर आमजन की सुरक्षा के मद्देनजर प्रथाओं की आड़ में चलने वाले जुए का परित्याग करता है या अपनी जिद्द से कोरोना संक्रमण का भागी बनता है।
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