31 October 2020 12:08 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। इन दिनों कोरोना युद्ध भी राजनीतिक हो चुका है। गुरुवार को बीकानेर आए आर एल पी सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा कोरोना नियमों का उल्लघंन चर्चा में रहा तो प्रशासन द्वारा लिए एक्शन को भी राजनीतिक बताया जा रहा है। एक तरफ बेनीवाल व उनके समर्थकों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई, तो फोटोबाज़ी में मास्क से भी बेवफाई कर बैठे। रविन्द्र रंगमंच पर कार्यक्रम हुआ, कोरोना को भुला दिया गया। प्रशासन ने भी कार्रवाई कर डाली, हालांकि बलि का बकरा एक लिपिक बना, जिसने रंगमंच दे दिया था। तर्क दिया गया कि अभी रंगमंच देने की मनाही है। हालांकि इस कार्यक्रम से एक दिन पहले कलेक्टर के साथ बच्चों का टॉक शो भी यहीं हुआ था। वहीं कुछ दिनों पहले मंत्रीजी का भी एक कार्यक्रम हुआ था। बाज़ार में चर्चा में भी गर्म है कि बेनीवाल मामले में लिपिक पर कार्रवाई राजनीतिक है। रंगमंच दिया तो यह तो सर्वविदित था, सब देख भी रहे थे, फिर कार्रवाई देरी से क्यों ? हालांकि यह भी चर्चा है कि राजनीति तो तब साबित होती जब कार्रवाई बेनीवाल अथवा उनके कार्यकर्ताओं पर होती। बहरहाल, राजनीति होने की बात से पूरा इन्कार भी नहीं किया जा रहा।
वैसे बेनीवाल इतनी बड़ी गलती कर कैसे गये?। दो बार पॉजिटिव आ चुके बेनीवाल का इस तरह से बार बार बिना मास्क घूमना, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना ना करना भी राजनीतिक हथकंडे की ओर इशारा करता है। बंपर सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा भी तो की गई। तो क्या मान लिया जाए कि नियमों की धज्जियां उड़ाना पब्लिसिटी स्टंट मात्र था। वजह जो भी रही हो, यह तो साफ है नतीजा कोरोना संक्रमण का फैलाव ही है।
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