18 December 2020 06:51 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। घरों से बाहर लगे बिजली मीटर उपभोक्ताओं के लिए बड़ी समस्या बन रहे हैं। मीटर घरों के बाहर लगे होने का फायदा उठाते हुए पिछले दिनों कोतवाली थाना क्षेत्र में कुछ असामाजिक तत्वों ने कुछ बिजली के मीटरों से छेड़खानी कर दी थी। जिसके बाद बिजली विभाग की विजिलेंस टीम ने छापेमारी करते हुए कार्रवाई की, जुर्माने लगाए। जबकि पीड़ित उपभोक्ताओं का कहना था कि उन्होंने मीटर से छेड़छाड़ कभी की ही नहीं। लेकिन बिजली कंपनी ने कहा कि मीटर में छेड़खानी की हुई है। उपभोक्ताओं ने कहा कि यह छेड़खानी हमने नहीं करवाई बल्कि असामाजिक तत्वों ने की है अथवा करवाई है। हालांकि निर्दोष होने के बावजूद चपेट में वह आ गये। अब शहर में बिजली की आपूर्ति करने वाली कंपनी बीकेईएसएल ने असामाजिक तत्वों के इस उत्पात को आधा अधूरा स्वीकार किया है। आधा अधूरा इसलिए कि कंपनी ने उपभोक्ताओं की सहमति पर ही गिरोह द्वारा मीटर से छेड़खानी करने की बात को माना है। जबकि बाहर लगे मीटरों का फायदा उठाकर दुश्मनी निकालने के काम भी हो रहे हैं। हाल ही में सामने आए ऐसे मामलों में निर्दोष ग्राहकों को बेवजह जुर्माना और बदनामी भुगतनी पड़ी, जबकि इनके अब तक के रिकॉर्ड साफ सुथरे थे।
कंपनी ने न्याय को दरकिनार करते हुए मामले में किसी प्रकार की निष्पक्ष जांच तक नहीं की। जबकि ये गिरोह लोगों के कहने पर अन्य ग्राहकों के मीटर से भी छेड़खानी कर सकते हैं। कंपनी के सीईओ शांतनू भट्टाचार्य ने कहा है कि शहर में इन दिनों बिजली के मीटरों से छेड़छाड़ करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। उपभोक्ता ऐसे गिरोह से अपने मीटरों में छेड़छाड़ कराने से बचें। कम्पनी ने लोगों को आगाह किया है कि मीटर में छेड़छाड़ पाए जाने पर उन पर भारी जुर्माना लग सकता है। कंपनी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सतर्कता अभियान के दौरान जिन उपभोक्ताओं के मीटरों में छेड़छाड़ पाई गई, उनके खिलाफ धारा 135 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। कंपनी की इस चेतावनी से ईमानदार उपभोक्ता और अधिक परेशानी में आ सकते हैं। अगर मीटर घरों के अंदर लगे हों तो उपभोक्ता अपने मीटर की जिम्मेदारी उठा सकता है। लेकिन मीटर भी घर के बाहर लगाया जाता है और छेड़छाड़ मिलने पर कार्रवाई भी की जाती है। बता दें कि मीटर घरों के अंदर लगाने का मुद्दा पहले भी कई बार उठाया जा चुका है।
हालांकि घरों में मीटर लगने से बिजली चोरी बढ़ती है। लेकिन राजनीतिक रूआब वाले उपभोक्ता आज भी बिजली चोरी करते हैं। इसमें बिजली विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत भी बताई जाती है। जिला प्रशासन को जनहित में संज्ञान लेते हुए पुनः मीटरों को घरों के अंदर लगाने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। विभाग चाहे तो चोरी रोकने के लिए मीटर रीडिंग के वक्त मीटर से छेड़छाड़ की जांच कर कार्रवाई कर सकता है। बाहर लगे मीटर निर्दोष उपभोक्ताओं के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनते जा रहा है। कंपनी द्वारा मीटर बाहर लगाकर छेड़छाड़ पर निर्दोष उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करना न्यायसंगत नहीं है।
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