16 May 2021 04:05 PM
-रोशन बाफना
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पीबीएम में कोरोना मरीजों के लिए बेड की मारामारी के बीच बड़ी ख़बर सामने आई है। एक तरफ जहां चार सौ मरीजों की क्षमता वाले एमसीएच में करीब पांच सौ मरीजों हेतु बेड का प्रबंधन किया गया है, वहीं मेडिकल कॉलेज में 250 बेड का सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक काम ही नहीं लिया जा रहा। सूत्रों के मुताबिक पिछले सीजन में एस एस बी में सारी व्यवस्थाएं की गई थी। ग्राउंड सहित 6 मंजिलों में बने इस सेंटर में वर्तमान में केवल सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी का संचालन हो रहा है। जबकि 250 बेड पर ऑक्सीजन लाइन तैयार है। चौथी मंजिल पर कुल 40 बेड का आईसीयू भी है। पांचवीं मंजिल पर 6 बेड वाला ओटी भी है।
जानकारों का कहना है कि अगर एस एस बी को फिर से शुरू कर दिया जाए तो कम समय, श्रम व लागत में ही अच्छी व्यवस्था हो जाएगी। इसे शुरू करने पर आर्मी के साथ मिलकर 90 बेड के कोविड अस्पताल की योजना को भी विराम दिया जा सकता है। एस एस बी आईसीयू के लिए केवल वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी। इसके अतिरिक्त कुछ सामान्य उपकरणों की जरूरत पड़ सकती है। वहीं 250 बेड पर सामान्य मरीजों को सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर की ही जरूरत पड़ेगी। ऐसे में नये प्रॉजेक्ट पर पैसा व श्रम खर्च करने की बजाय तैयार पड़े एस एस बी को शुरू किया जा सकता है। पीएम केयर फंड के वेंटिलेटर भी इस आईसीयू में काम आ सकते हैं, बशर्ते वे काम के हों। बता दें कि पिछले सीजन की समाप्ति पर पीएम केयर फंड से वेंटिलेटर आए थे। पीबीएम सूत्रों के मुताबिक इन वेंटिलेटर्स को चालू किया तो ये खराब निकले। हाल ही में दिल्ली से आई टीम ने इन्हे़ं दुरूस्त करने का दावा भी किया है। ऐसे में अगर ये वेंटिलेटर काम आ सकते हों तो नये वेंटिलेटर की व्यवस्था भी नहीं करनी पड़ेगी।
एस एस बी को शुरू करने में स्टाफ की कमी भी नहीं आएगी। पिछले वर्ष निकली कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर भर्ती के तहत बीकानेर संभाग को 700 नर्सिंग ऑफिसर मिले हैं। इनमें से करीब 300 अकेले बीकानेर को मिले हैं। ऐसे में एस एस बी का संचालन आसानी से हो सकता है। इसके अतिरिक्त बीकानेर के पास पर्याप्त रेजीडेन्ट सहित सीनियर डॉक्टर भी हैं।
बता दें कि वर्तमान में एमसीएच सहित वार्डों में भी कोरोना संदिग्धों व मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। जबकि 250 बेड का एसएसबी ऐसे ही पड़ा है।
RELATED ARTICLES
21 April 2024 07:27 PM
17 March 2020 01:54 PM