29 April 2022 05:02 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर।( क्राइम पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) बीकानेर शहर की संस्कृति और युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने पर उतारू नशे के सौदागरों को रोकने में खाकी नाकाम साबित हो रही है। शहर भर के युवा विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थों के आदी बन चुके हैं। हालात यह है कि नशे में डूबे इन युवाओं को काम धंधे पर जाने का भी होश नहीं रहता। नशीली गोलियां, गांजा, स्मैक, एमडी(एमडीएमए), कफ सिरप आदि का नशा युवाओं को कर्जदार भी बना रहा है। कर्जे और नशे में डूबे यही युवा तस्कर बन रहे हैं तो कोई सटोरिए बन रहे हैं। इन्हीं युवाओं में से बहुत सारे युवा 'मौत का ब्याज' माफिया (10-20-30 रूपए सैकड़े पर ब्याज का धंधा करने वाले) भी बन रहे हैं।
शरीर से लेकर घर और समाज को बर्बाद करने वाले इस नशे के खिलाफ पुलिस विभाग पूरे समर्पण के साथ काम ही नहीं कर रहा है। पुलिस के पास नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई न करने के बेबसी भरे बहाने हैं। जबकि हमारे द्वारा किए गए एक सर्वे में यह सामने आया है कि शहर के आम व्यक्ति से लेकर पुलिस के मुखबिरों व पुलिसकर्मियों तक हर किसी को नशे के सौदागरों से लेकर नशा करने के अवैध अड्डों तक की सारी जानकारी है। आमजन दबा हुआ है वह ना तो तस्करों व गुंडों बदमाशों से लड़ सकता है ना ही पुलिस पर दबाव बना सकता है।
पुख्ता सूत्रों ने बताया कि नयाशहर थाना क्षेत्र व सदर थाना क्षेत्र नशे के सौदागरों का सबसे बड़ा ठिकाना है। नयाशहर थाना क्षेत्र की नत्थूसर से करमीसर जाने वाली रोड़ के दोनों ओर नशाखोरी के कई अड्डे भी हैं। संसोलाब तालाब के सामने इन दिनों एक शिव प्रतिमा लगी है। शिव प्रतिमा की आड़ लेकर यहां अड्डेबाजी होती है। चरस, गांजा, स्मैक, एमडी आदि के नशेड़ी यहां रात के अंधेरे में निर्बाध नशा करते हैं। इसी के पीछे नाथ जी का धोरा भी है। यहां भी इधर उधर बैठे नशेड़ी बेखौफ नशा करते हैं। ये दोनों ठिकाने तस्करों व नशेड़ियों दोनों के लिए ही अनुकूल है। सूत्रों की मानें तो संसोलाब तालाब के अंदर के अंदर भी नशेड़ियों की अड्डेबाजी होती है। पवित्र मंदिरों की आड़ में नशाखोरी के अड्डे पनप चुके हैं। शहर में और भी ऐसे कई ठिकाने हैं जो किसी की आड़ में ये ग़लत काम होते हैं। इसी रोड़ पर थोड़ा आगे जाकर पावर हाउस के आसपास एक तस्कर एमडी, स्मैक व गांजे की जमकर बिक्री करता है। आखिर पुलिस किसके दबाव में इन ठिकानों पर दबिश नहीं दे रही है, यह बड़ा सवाल है।
अन्य सूत्रों के मुताबिक भुट्टो का चौराहा भी तस्करों का बड़ा गढ़ है। यहां खुल्लमखुल्ला नशे की पुड़िया बेची जाती है। तो वहीं पूगल रोड़, मुक्ताप्रसाद, रामपुरा व सर्वोदय बस्ती के तस्कर भी चर्चित हैं। इसी तरह शहरी परकोटे के भीतर मोहता चौक टैक्सी के आसपास स्थित एक चाय की दुकान पर कुछ तस्कर एमडी व स्मैक बेचने के लिए पहुंचते हैं।
अगर पुलिस विभाग ने अब भी नशे के खिलाफ सख्ती नहीं दिखाई तो आने वाले कुछ सालों में समाज की बर्बादी का बड़ा नमूना देखने को मिलेगा। हम आपसे अपील करते हैं कि गांजा, स्मैक, नशीली गोलियां, कफ सिरप, एमडीएमए जैसे खतरनाक नशे के खिलाफ एकजुट हो जाएं ताकि समाज सुरक्षित रह सके।
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