02 March 2020 02:49 PM
बलात्कार न होने का श्रेय भी अश्लीलता को
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। शहर की होली में अश्लील गानों की मिलावट का भले ही कुछ शहरवासी विरोध कर रहे हों, लेकिन वास्तविकता यह है कि अपवाद अलग कर दिए जाए तो पूरा पुराना शहर इन अश्लील गानों का आनंद लेने का इंतज़ार करता रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि बाप-बेटे भी इन आश्लील गानों को एक मंच पर गाते देखे जा सकते हैं। हाल ही मैं भैरूं कुटिया में होने वाले अश्लील गानों के कार्यक्रम का विरोध गहराया तो आयोजकों ने कार्यक्रम न करवाने पर सहमति दी बताते हैं, लेकिन शहर वासियों का दावा है कि अश्लील गानों का कार्यक्रम ऐसे ही चलेगा। शहरवासी इसे परंपरा बताते हैं तो गर्व के साथ इसे कुंठा निकालने का साधन भी बताते हैं। यहां तक कि पुराने शहर में आज तक एक भी बलात्कार न होने का तर्क भी इसी परंपरा से जोड़ा जा रहा है। शहरवासियों के अनुसार अश्लील गानों के डीजे से लेकर होली खेलने के दौरान गूंजने वाले अश्लील गानों को सुनने में स्त्री-पुरुष का भेद ही नहीं है। इस दौरान घरों के छत भरे देखें जा सकते हैं। हालांकि दो साल पहले गली-गली निकलने वाला डीजे बंद हो गया बताते हैं, लेकिन दावा है कि वह भी जल्द ही फिर से शुरू होगा। पुलिस-प्रशासन के पास इस अश्लीलता को बंद करवाने का कोई रास्ता नहीं है। जहां पूरा शहर अश्लीलता के इस रंग में एक रंग है वहां पुलिस-प्रशासन के हाथ बंध जाते हैं।
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