07 May 2020 03:01 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पीबीएम द्वारा शव रोकने के मामले में पीबीएम के संबंधित विभाग से लेकर अधीक्षक तक कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं इस अतिसंवेदनशील मुद्दे पर सुनवाई न करने वाले पीबीएम पर जिला प्रशासन का भी कोई असर नहीं होने की जानकारी मिल रही है। बुधवार को गोवर्धनराम सहित तीन लोगों की सामान्य मृत्यु हुई थी, जिनका एहतियातन कोरोना सैंपल लिया गया। गुरूवार सुबह लगभग 11 बजे तीनों की रिपोर्ट नेगेटिव आने की पुष्टि भी पीबीएम अधीक्षक द्वारा की गई। जिस पर शव परिजनों को सौंपने का आग्रह करवाया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि गोवर्धनराम के शव को शाम सात बजे तक दी जाने की बात कही जा रही है। मृतक के परिजन अभी मेडिकल कॉलेज भी गए, वहां से सूचना दी गई कि गोवर्धनराम की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है, लेकिन शाम सात बजे तक कागज़ तैयार किए जाएंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि बुधवार रात आठ बजे हुई मृत्यु के बाद दूसरे दिन भी दाह संस्कार नहीं हो पाएगा। यह पहला मामला नहीं है। यह संवेदनहीनता पीबीएम लगातार दिखा रहा है। स्वजन की मृत्यु से दुखी परिजनों के दुखों को बढ़ाने वाले पीबीएम के इस कारनामे पर आला अधिकारी मौन हैं। उल्लेखनीय है कि इमरजेंसी के इस दौर में वैसे ही शोकाकुल परिवार अकेला सा रह जाता है, उस पर पीबीएम द्वारा शव न देकर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। बता दें कि रिपोर्ट आने के बाद भी शव को सात-आठ घंटे रोकना पीबीएम सहित जिला प्रशासन पर सवाल खड़े करता है।
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