28 April 2021 04:59 PM
-रोशन बाफना की रिपोर्ट
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। प्रदेश में जन अनुशासन पखवाड़े के पांच दिन शेष है। मगर कोरोना के मामलों में कमी आने के बजाय बढ़ोतरी हो रही है। ऐसा ही हाल बीकानेर जिले का भी है। यहां अब हर सौ सैंपल में से अधिकतम 37.10 सैंपल पॉजिटिव निकल रहे हैं। हालांकि मंगलवार को आंकड़ा गिरा तो राहत भी महसूस हुई थी। वहीं मौतों का आंकड़ा भी आसमान छूने लगा है। यहां मंगलवार तक 65 मृत्यु हो चुकी है, इनमें से 64 मृत्यु केवल अप्रेल में हुई है, जबकि अप्रेल पूरी होने में गुरूवार सहित 3 दिन बाकी है।
आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पुलिस व प्रशासन को सख्ती करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने स्पष्ट कहा है कि हर व्यक्ति से जन अनुशासन की पालना करवाई जाए। अगर कोई पालना नहीं करता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
सवाल यह है कि 3 मई के बाद प्रदेश में किस तरह से सख्ती की जाएगी। बढ़े मामलों ने जन स्वास्थ्य को संकट में डाल दिया है। ऐसे में क्या गहलोत सरकार एक बार फिर कठोर निर्णय लेगी? एक तरफ दैनिक आय के साधनों पर संकट है, दूसरी तरफ कोरोना से जीवन संकट में है। ऐसे में निर्णय कठिन बनता जा रहा है। हालांकि सरकार से अधिक अब नागरिकों पर कोरोना के खात्मे की जिम्मेदारी है। अगर नागरिक यूं ही सड़कों पर निकलते रहे, संपर्क में आते रहे तो संक्रमण की चेन तोड़ना मुमकिन नहीं होगा। जन अनुशासन पखवाड़े ने भले ही 12 बजे बाद सड़कों पर सन्नाटा पसारा हो, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि सुबह 6 से 12 के बीच कोरोना संक्रमण के फैलाव का काम हो जाता है। कम समय में अधिक लोग बाहर निकलते हैं, ऐसे में संक्रमण की आशंका बढ़ती है। इसमें भी कुछ कमी रहे तो विवाह समारोह, जनाजे और विभिन्न कैंप इस कमी को पूरा कर देते हैं। बता दें कि जिन देशों ने कोरोना पर विजय पाई है वहां नियमों में इतना लचीलापन नहीं देखा गया। अब लगता है कि काल बन चुकी कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए सरकार व नागरिकों को कुछ और विचार करना चाहिए।
बहरहाल, प्रदेशभर में भीड़ करने वाले आयोजनों पर सख्ती की पराकाष्ठा पार की जानी चाहिए। बता दें कि कोरोना बढ़ने के बाद भी त्योंहारों, शादियों व अंतिम संस्कारों तक में भारी भीड़ देखी गई। यहां तक कि मंगलवार को प्रदेश के एक बड़े नेता के अंतिम संस्कार में भारी भीड़ उमड़ी। ऐसे में कोरोना की चेन तोड़ने में कितने पापड़ बेलने पड़ेंगे, यह कहना मुश्किल बनता जा रहा है।
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