11 November 2021 05:33 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पीबीएम इन दिनों कर्तव्य ना निभाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों से परेशान है। इन दिनों पीबीएम डेंगू के मरीजों से खचाखच भरा है, ऐसे में इन कर्मचारियों की कामचोरी अधिक परेशान कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पीबीएम के लगभग सभी वार्डों में कोई ना कोई ऐसा नर्सिंग कर्मी अथवा रेजीडेन्ट मिल जाएगा, जो ड्यूटी समय शुरू होने पर वार्ड में आता है, रजिस्टर में साइन करता है और नौ दो ग्यारह हो जाता है। बंक मारने की आदत वाले ये कर्मचारी बी ब्लॉक में अधिक बताएं जा रहे हैं। वहीं नर्सिंग श्रेणी के स्वास्थ्य कर्मी बंक मारने में अव्वल बताए जा रहे हैं। बंक मारने वाले कुछ नर्सिंग कर्मियों व रेजीडेन्ट डॉक्टरों की वजह से अन्य ढ़ेर सारे कर्तव्यनिष्ठ रेजीडेन्ट व नर्सिंगकर्मी नजरों में आते हैं। उन पर काम का भार भी बढ़ता है। बता दें कि पीबीएम में नर्सिंग स्टाफ व रेजीडेन्ट की ड्यूटी अधिकत्तम 6 घंटे की होती है। अधिकतम एक माह में एक नाइट ड्यूटी आती है, वह 12 घंटे की होती है। 6 घंटे की अल्प अवधि वाली ड्यूटी के बदले अच्छी खासी तनख्वाह सहित मान सम्मान भी मिलता है। इन सबके बावजूद कुछ कर्मचारी पीबीएम में काम से जी चुराते हैं। ऐसे में इन कर्मचारियों को लाइन पर लाने के लिए पीबीएम प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे। पीबीएम के कर्तव्यनिष्ठ डॉक्टर अगर हर शिफ्ट में औचक निरीक्षण करना शुरू कर दे तो बंकमार कर्मचारी लाइन पर आ सकते हैं, बशर्ते ड्यूटी पर अनुपस्थित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्यवाही की जाए। इसके अतिरिक्त मरीज़ व मरीज परिजन पर जागरुक रहकर ऐसे कर्मचारियों को सुधार सकते हैं। विदित रहे कि हर एक वार्ड में रेजीडेन्ट डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, अटेंडेंट, वार्ड बॉय, गार्ड व स्वीपर मिलाकर आदि कम से कम 6 स्टाफ 24 घंटे मौजूद रहने जरूरी है। वार्ड की आवश्यकता अनुसार इससे अधिक स्टाफ भी होते हैं।
अब देखना यह है कि बंक मारकर कर्तव्य ना निभाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को सुधारने हेतु पीबीएम प्रशासन क्या कदम उठाता है।
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