30 October 2020 06:18 PM
-रोशन बाफना
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। वैवाहिक आयोजनों में पचास व्यक्तियों की अनुमति से कोरोना कंट्रोल के फंडे पर सवाल उठने लगे हैं। राज्य सरकार ने अब धारा 144 वाले जिलों में 50 व्यक्ति ही अनुमत किए हैं। वहीं सामाजिक सभाओं के लिए सौ व्यक्ति अनुमत किए हैं। कोरोना में चुनाव करवाने जैसे फैसलों के बीच आर्थिक तंगी से मौत की कगार पर खड़े कामगारों व व्यापारियों के पेट पर कुल्हाड़ी चलाने वाले फैसले के खिलाफ अब लोग उफनने लगे हैं। लंबे समय बाद रौनक लौटने की उम्मीद थी। वैवाहिक आयोजनों में सौ व्यक्तियों की अनुमति से कैटरर, हलवाई, फोटोग्राफर से लेकर इन आयोजनों से रोजगार पाने वाली छोटी बड़ी सैकड़ों श्रेणियां खुश हुई थी, लेकिन पुनः पचास व्यक्तियों की अनुमति ने हड़कंप मचा दिया है। इस आदेश के बाद विभिन्न बुकिंग रद्द होने लगी है। सात माह से बेरोजगारी की मार झेल रहे गरीब कामगार की तो आत्महत्या करने की नौबत आ गई है।
लॉक डाउन के दौरान फोटोग्राफरों ने कैमरे बेचकर घर चलाया। तो हलवाई, सफाईकर्मी, मेंहदी लगाने वाले, छोटे मोटे कैटरर आदि ने भी सामान बेचे। एक कैटरर के अनुसार पचास व्यक्तियों की अनुमति में ही अगर शादी करनी पड़ेगी तो कौन पैसा खर्च करेगा, इतना छोटा कार्यक्रम तो घर पर ही निपटा लिया जाएगा। ऐसे में हज़ारों लाखों गरीबों के पेट पर कुल्हाड़ी चलेगी। बता दें कि वैवाहिक आयोजन जीडीपी की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इनकी बदौलत हर किसी के हिस्से में कुछ ना कुछ आता है। बता दें कि वैक्सीन ना आने तक कोरोना से बचाव ही कोरोना का इलाज है। लेकिन उससे भी बड़ा सवाल यह है कि चुनाव जैसे कार्य रोजमर्रा के कार्यों से अधिक महत्त्वपूर्ण कैसे हो सकते हैं? हाल ही में हुए सरपंच चुनावों में हज़ारों की अनियंत्रित भीड़ ने सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क जैसे नियमों की धज्जियां उड़ाई, बावजूद इसके राज्य में चुनावों की प्रक्रिया चालू है।
वहीं दूसरी ओर लोगों के रोजगार के साधनों पर पाबंदियां लगाई जा रही है। जहां सब काम हो रहे हैं, लोग धड़ल्ले से घूम फिर रहे हैं, वहीं वैवाहिक आयोजनों को इस तरह के नियमों में बांधकर आर्थिक संकट पैदा करना तर्कहीन प्रतीत होता है। मामले में बीकानेर को प्रशासन को ज्ञापन भी दिए गए हैं। एडीएम प्रशासन एएच गौरी ने बताया कि प्रशासन केवल राज्य सरकार के निर्णय की पालना करवा रहा है। अलग अलग लोगों द्वारा दिए ज्ञापन राज्य सरकार को प्रेषित किए गए हैं। होटल व्यवसाय से जुड़े गोपाल अग्रवाल का कहना है कि रोजगार से जुड़ी गतिविधियों पर पाबंदियां अब उचित नहीं है। आमजन आर्थिक रूप से परेशान हैं, ऐसे में वैवाहिक आयोजनों पर दो सौ व्यक्तियों तक की छूट देनी चाहिए। वहीं कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए आमजन को जागरुक करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
बता दें कि आमजन की इम्यूनिटी बढ़ाने पर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। हालांकि काढ़े का कॉन्सेप्ट भी पिक्चर में था, लेकिन लोगों तक ना पहुंचने से पिक्चर फ्लॉप हो गई।
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